Sehore News: मध्य प्रदेश में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली कटौती की शुरुआत हो गई है. आम लोग बिजली को लेकर परेशान हैं. वहीं इसी बीच मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने प्रदेश में वर्तमान समय में बिजली की कमी होने की बात को स्वीकार कर लिया है.


'बिजली की डिमांड बढ़ी'
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि इन दिनों बिजली की जितनी डिमांड है, उत्पादन उससे थोड़ा कम हो रहा है. प्रदेश में सामान्य तौर पर 10400 मेगावाट बिजली की मांग रहती है. लेकिन गर्मी के चलते यह मांग 12000 मेगा वाट को पार कर गई है. ऐसे में डेढ़ से 2000 मेगा वाट बिजली की डिमांड बढ़ी है, लेकिन फिर भी सभी को अच्छी पावर क्वालिटी मिले इस प्राथमिकता के साथ हम काम कर रहे हैं.


'केंद्र से की कोयले की आपूर्ति बढ़ाने की मांग'
ऊर्जा मंत्री ने आगे कहा कि बिजली उत्पादन बढ़े इसके लिए कोयला बहुत महत्वपूर्ण है. ऐसे में कोयले की कमी बिजली उत्पादन में आड़े ना आए, इसके लिए वह दिल्ली में केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव से मिले हैं और रैक बढ़ाने की मांग की है. क्योंकि कोयले की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए रैक भी बढ़ाने होंगे. कोयले के भंडारण को बढ़ाना हमारी प्राथमिकता है. केंद्रीय रेल मंत्री ने भी ऊर्जा मंत्री को जल्द रैक बढ़ाने का आश्वासन दिया है.


'अभी से कर रहे कोयले का भंडार'
प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि आने वाला मौसम बरसात का है और बारिश के मौसम में गिला कोयला बिजली उत्पादन पर असर डालता है. इसलिए सरकार अभी से ही कोयले का भंडारण शुरू कर रही है, ताकि बिजली उत्पादन पर कोई प्रभाव ना पड़े. बतादें कि कांग्रेस लगातार प्रदेश में बिजली की कमी होने के चलते अघोषित कटौती को लेकर सरकार को घेर रही है. लेकिन ऊर्जा मंत्री ने साफ किया है कि प्रदेश में बिजली की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी. पावर क्वालिटी को लगातार मेंटेन किया जा रहा है.


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