MP News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जनहित याचिका के द्वारा उठाया गया पर्यावरण संरक्षण का मुद्दा, जानें पूरा मामला
एमपी हाई कोर्ट में जनहित याचिका के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक गंभीर मुद्दा उठाया गया है. याचिका में कहा गया है कि 5 लाख पेड़ों की कटाई कर फूली पत्ती वाली पेड़ लगाए गए हैं.
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Jabalpur News: मध्यप्रदेश हाई कोर्ट (MP High Court) में जनहित याचिका के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक गंभीर मुद्दा उठाया गया है. याचिका में कहा गया है कि जबलपुर-भोपाल,जबलपुर-रीवा और जबलपुर-लखनादौन हाइवे बनाने के लिए प्राणवायु देने वाले तकरीबन 5 लाख पेड़ (Tree) काटकर उनकी जगह फूल-पत्ती वाले पेड़ लगा दिए गए हैं. हाई कोर्ट ने याचिका को गंभीरता से लेते हुए न केवल संबंधित विभागों को नोटिस जारी किया है अपितु हाइवे पर वृक्षारोपण से जुड़ी नीति की कॉपी भी मांगी है.
5 लाख पेड़ों की हुई कटाई
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया गया है कि जबलपुर-भोपाल सहित आसपास के अन्य राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़कें बनाने के लिए 5 लाख ऑक्सीजनयुक्त पेड़ों की कटाई की गई है और बदले में फूलों के पौधे तथा कम आयु वाले पेड़ लगाए गए हैं. जस्टिस शील नागू एवं जस्टिस एमएस भट्टी की खंडपीठ ने केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग विकास विभाग के प्रमुख सचिव, केन्द्रीय सड़क विकास के विशेष सचिव आईके पांडे, एनएचएआई के चेयरमैन डॉ. सुखबीर सिंह संधू, मप्र सरकार के सड़क विकास एवं परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव, एमपीआरडीसी के एमडी और वन विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है.हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार द्वारा नेशनल हाईवे के दोनों ओर किए जाने वाले पौधारोपण के लिए बनाई गई नीति की कॉपी भी पेश करने के निर्देश याचिकाकर्ता को दिए हैं.
80 से 200 वर्ष पुराने वृक्षों की हुई कटाई
याचिकाकर्ता पेशे से कृषक जबलपुर निवासी नीरज गर्ग की ओर से अधिवक्ता केके पांडे एवं कौशलेश पांडे ने पैरवी की तथा शासन की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने पक्ष रखा.याचिका में कहा गया है कि जबलपुर से भोपाल, रीवा, लखनादौन, पन्ना, नागपुर में बनाए गए राष्ट्रीय राजमार्ग में सड़क निर्माण के लिए 80 से 200 वर्ष पुराने पीपल, बरगद, आम, जामुन, नीम समेत कीमती लकड़ी देने वाले करीब 5 लाख पेड़ों की कटाई की गई है.आरोप लगाया गया कि इसके बदले कम छायादार, कम ऑक्सीजन देने वाले और कम समय तक टिकने वाले वृक्ष लगाए गए हैं. यह भी बताया कि ज्यादातार फूलों के पेड़ लगाए गए हैं. याचिका में कहा गया कि जो पेड़ काटे गए हैं,उनकी औसत कीमत करीब 500 करोड़ रुपए होगी.कोर्ट को बताया गया कि राजमार्ग के दोनों ओर पौधारोपण में इंडियन रोड कांग्रेस की गाइडलाइन का खुला उल्लंघन किया गया है.
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