(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ujjain News: बर्खास्त पंचायत सचिव के ठिकानों पर ईओडब्लू का छापा, इतने करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति का पता चला
MP News: पंचायत सचिव दिनेश चंद्र शर्मा को भ्रष्टाचार में लिप्त होने के चलते 2020 में बर्खास्त कर दिया गया था. उनके घर से करोड़ों रुपये की संपत्ति मिली है. छापे की कार्रवाई अभी भी जारी है.
एमपी न्यूज: मध्य प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव के पहले पंचायत सचिव का ईओडब्ल्यू ने भ्रष्टाचार खोल दिया है. भ्रष्टाचार के आरोप में पंचायत सचिव को 2 साल पहले बर्खास्त कर दिया गया था. बर्खास्त पंचायत सचिव की मध्य प्रदेश के कई जिलों में संपत्तियां मिली हैं. अधिकारियों के मुताबिक बर्खास्त पंचायत सचिव की दलोदा के अलावा इंदौर, गुराडिया और भोपाल में भी चल-अचल संपत्ति मिली है. सभी स्थानों पर अलग-अलग टीमें कार्रवाई कर रही हैं.
अधिकारियों का क्या कहना है
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) के जांच अधिकारी अनिल शुक्ला ने बताया कि मंदसौर जिले के दलोदा में रहने वाले पंचायत सचिव दिनेश चंद्र शर्मा के घर पर छापामार कार्रवाई की गई है. दिनेश चंद्र शर्मा पंचायत सचिव के रूप में 1995 से सेवा में थे. बर्खास्त पंचायत सचिव के घर से करोड़ों रुपये की संपत्ति मिली है. अधिकारियों ने बताया कि दिनेश चंद शर्मा को भ्रष्टाचार में लिप्त होने के चलते साल 2020 में बर्खास्त कर दिया गया था. इसके बाद से ही वह ईओडब्लू के निशाने पर थे. ईओडब्लू ने आरोपी दिनेश चंद्र शर्मा के खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाने के बाद मंगलवार को छापामार कार्रवाई की. अभी चल और अचल संपत्ति का पता लगाने की कार्रवाई की जा रही है.
ईओडब्लू की टीम में शामिल अधिकारी अशोक राव ने बताया कि दोपहर तक साढ़े 5 करोड रुपये की संपत्ति का पता चल गया था. इनमें ढाई करोड़ की पैतृक संपत्ति निकली है जबकि 3 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति दिनेश चंद्र शर्मा ने खरीदी है. उन्होंने बताया कि दलोदा के अलावा इंदौर, गुराडिया और भोपाल में भी शर्मा की चल-अचल संपत्ति मिली है. सभी स्थानों पर अलग-अलग टीमें कार्रवाई कर रही हैं.
पत्नी के नाम पर भी मिले दस्तावेज
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो के अधिकारियों ने बताया कि दिनेश चंद्र शर्मा के साथ-साथ उनकी पत्नी के नाम पर भी चल अचल संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं. मकान से सोने चांदी के आभूषण के अलावा का ट्रैक्टर और जीप मिली है. इनकी कीमत लाखों रुपये आंकी जा रही है. आरोपी के खिलाफ पहले से ही 9 मामले दर्ज हैं. उन्हें जिला बदर भी किया जा चुका है.
यह भी पढ़ें