Balaghat News: बालाघाट जिले की जनपद पंचायत में पदस्थ को-ऑर्डिनेटर के पास से 2 करोड़ रुपये की संपत्ति मिली है. राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की जांच में पूरे सेवाकाल में सिर्फ 32 लाख रुपये की बचत करने में सक्षम इस कर्मचारी की काली कमाई से अर्जित कुल चल-अचल संपत्ति का आंकड़ा 2 करोड़ रुपये से अधिक तक पहुंच गया है. राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) के डीएसपी मंजीत सिंह के मुताबिक आर्थिक अनियमितता की शिकायत के बाद बालाघाट जिले के खैरलांजी में पदस्थ जनपद पंचायत के को-आर्डिनेटर रमेश कुमार पटले के गंगोत्री कॉलोनी, वारासिवनी स्थित घर पर छापा मारा गया. EOW जबलपुर की जांच टीम पटले के वारासिवनी स्थित घर पर सुबह करीब 4 बजे पहुंच गई थी. सर्च कार्रवाई के दौरान मिले दस्तावेजों से पता चला कि रमेश पटले ने आर्थिक अनियमितता करते हुए आय से कई गुना ज्यादा सम्पत्ति अर्जित की है.


कोऑर्डिनेटर के पास मिली 2 करोड़ की संपत्ति
ईओडब्ल्यू सूत्रों के मुताबिक रमेश कुमार पटले वर्तमान में जनपद पंचायत खैरलांजी जिला बालाघाट में को ऑर्डिनेटर के पद पर पदस्थ है. पटले के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति होने की शिकायत की जांच निरीक्षक प्रेरणा पांडे द्वारा की जा रही थी. ईओडब्ल्यू के डीएसपी मनजीत सिंह और जांच निरीक्षक प्रेरणा पांडे की अगुवाई में दबिश देते हुए सर्च कार्रवाई शुरू की गई है. रमेश कुमार पटले के साथ उसकी पत्नी लक्ष्मी पटले को भी ईओडब्ल्यू ने मामले में ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित करने पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज करते हुए आरोपी बनाया गया है.

संपत्ति का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है
इस आरोप के आरोपी रमेश पटले अप्रैल 1988 में वारासिवनी बालाघाट में ग्राम सहायक के पद पर नियुक्त हुए था. रमेश पटले ने नौकरी अवधि में वेतन और अन्य निवेश से कुल 35 लाख रुपए की बचत की है. इसके विरुद्ध उनकी संपत्ति प्रारंभिक जांच में 2 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति मिली है. वारासिवनी में गंगोत्री कॉलोनी में 2400 वर्गफीट प्लाट में बना मकान, गंगोत्री कॉलोनी में पत्नी के नाम पर 2400 वर्गफीट एरिया में बना व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स, गंगोत्री कॉलोनी में पत्नी लक्ष्मी के नाम पर 2400 वर्गफीट एवं 2880 वर्गफीट के 2 प्लाट, वारासिवनी के ग्राम गर्रा में 1500 वर्गफीट का प्लॉट, वारासिवनी में करीब 23 हजार वर्ग फीट का प्लॉट, एसबीआई लाइफ में 6.92 लाख रुपए का निवेश तथा सहारा इंडिया में 8 लाख 65 हजार रुपये का निवेश होना पाया गया है. इसके अलावा और भी कई प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनी की पॉलिसी में निवेश के दस्तावेज मिले है जिनकी जांच की जा रही है. इसके साथ ही पटले और उसके परिजनों के 20 बैंक खाते भी पता चले है. फिलहाल जांच जारी है. काली कमाई का आंकड़ा और बढ़ सकता है.


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