सीहोर: ट्रामा सेंटर में उपचार के लिए आने वाले नेत्री रोगी भटकने को मजबूर हैं. यहां पूर्व में नेत्र विभाग जिला अस्पताल परिसर में स्थित था लेकिन कारोना संक्रमण की पहली लहर में विभाग ट्रामा सेंटर की पहली मंजिल पर शिफ्ट कर दिया गया. यहां हर रोज उपचार के लिए गरीब वृद्ध महिलाएं व पुरुष मरीज बडी संख्या में आते हैं जो काफी परेशान होकर यहां-वहां भटकते रहते हैं.


वहीं  नेत्र संबंधी रोगों के उपचार के लिए आने वाले मरीजों की कहना है कि नेत्र विभाग परिसर में ही संचालित होना चाहिए, जिससे वृद्ध और बीमार मरीजों को दिक्कत न हो.


अस्पताल में व्हील चेयर की व्यवस्था भी नहीं है


ग्राम घसोदा की रहने वाली 65 वर्षीय वृद्धा बंसती बाई को आंखों से बहुत कम दिखता है वह नियमित रूप से उपचार के लिए यहां आती हैं, वह बीपी और शुगर से पीडित हैं, वह कहती हैं कि ऊपरी मंजिल पर चढने में काफी दिक्कत होती है सांसे फूलने लगती हैं, अस्पताल में व्हील चेयर की व्यवस्था भी नहीं है.ग्राम सतोरनिया निवासी 60 वर्षीय फुरली बाई ने मोतियाबिंद का आपरेशन कराया है वह बताती हैं कि घुटनों में दर्द रहता है बडी मुश्किल से उपर नेत्र विभाग तक पहुंच पाती हैं.


मरीज नेत्र विभाग को प्रथम तल में शिफ्ट किए जाने की कर रहे मांग


नेत्र विभाग में आंख संबंधी सभी प्रकार की जांचे और चश्मे की व्यवस्था निशुल्क है. मोतियाबिंद ऑपरेशन के शिविर लगते हैं वहीं आंखों की जांच के लिए विभाग में आधुनिक आटोरिफ्लेकशन मशीन लाई गई है. वर्तमान में नेत्रविभाग में चार नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं लेकिन प्रथम मंजिल पर विभाग होने के कारण कई गरीब बुजुर्ग महिला, पुरुष यहां तक नहीं पहुंच पाते है. नेत्र विभाग प्रथम तल में शिफ्ट किए जाने की मांग मरीज लंबे समय से उठा रहे हैं लेकिन अस्पताल प्रबंधन इस और ध्यान नहीं दे रहा है.


तीसरी लहर की तैयारी के चलते पहली मंजिल पर ही रहेगा नेत्र विभाग


वहीं जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डा अशोक मांझी का कहना है कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए तैयारियां की जा रही हैं, कुछ समय तक नेत्र विभाग पहली मंजिल पर ही रहेगा.


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