MP News: मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की पोल खुली है. सीधी में एंबुलेंस नहीं मिलने पर प्रसूता को परिजन सब्जी के ठेले पर लिटाकर जिला अस्पताल ले गये. रास्ते में प्रसूता ने नवजात शिशु को जन्म दिया. अस्पताल में आधे घंटे तक जच्चा बच्चा का इलाज करने डॉक्टर नहीं आये. प्रसूता ठेले पर अस्पताल परिसर में पड़ी रही. परिजनों के विरोध करने पर डॉक्टरों ने महिला को अस्पताल में भर्ती कराया. डॉक्टरों ने नवजात शिशु को मृत घोषित कर दिया.


ठेले पर गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने का वीडियो भी सामने आया है. घटना शनिवार की बताई जा रही है. बता दें कि जिला मुख्यालय से करीब 2 किलोमीटर की दूरी पर रहने वाली उर्मिला रजक को प्रसव पीड़ा हुआ. परिजनों ने कई बार टोल फ्री नंबर पर एंबुलेंस को फोन किया. लगातार फोन करने के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई. थक हार कर परिजन सब्जी के ठेले पर गर्भवती महिला को लेकर जिला अस्पताल परिसर पहुंचे.






 


फोन करने के बावजूद नहीं आई एंबुलेंस


परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं मिला. स्ट्रेचर ढूंढने के बाद भी परिजनों को नहीं मिला. अस्पताल प्रशासन से मदद नहीं मिलने पर परिजन किसी तरह महिला को इमरजेंसी वार्ड में लेकर गये. लोगों का कहना है कि जिला अस्पताल की लापरवाही का पहला मामला नहीं है. मरीजों को इलाज में दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है. जिला अस्पताल की अव्यवस्था के मामले सुर्खियों में रहते हैं.


ठेले पर प्रसूता को अस्पताल ले गये परिजन


भर्ती मरीजों ने बताया कि इलाज में काफी लापरवाही बरती जा रही है. सदर अस्पताल में ज्यादातर गरीब मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल की तरफ से समय पर इलाज नहीं मिला. अस्पताल प्रशासन ने सफाई में कहा कि जांच के बाद लापरवाही का पता चल पायेगा.


(देवेंद्र पांडेय की रिपोर्ट)


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