MP News: मध्य प्रदेश में 7 जनवरी से लगातार बारिश और ओलावृष्टि (Rain and Hailstorm) की वजह से किसानों की फसलों (Crops) पर बुरा प्रभाव पड़ा है. कई जिलों के गांव की फसलें चौपट हो गई हैं. खास तौर पर अधिक ओलावृष्टि वाली जगहों पर फसलें खेतों में आड़ी हो गई हैं. शिवपुरी कलेक्टर (Shivpuri Collector) अक्षय कुमार सिंह और पूर्व विधायक महेंद्र यादव (Former MLA Mahendra Yadav) क्षतिग्रस्त फसलों का जायजा लेने के लिए ग्रामीण इलाकों में पहुंचे तो किसानों का दर्द झलक गया.
किसानों ने पैर पकड़ की मुआवजे की मांग
कहीं किसानों की आंसुओं की धारा निकल गई तो कहीं पर किसानों ने पैर पकड़ कर मुआवजे की मांग की. ऐसा ही नजारा ग्राम गढ़ा और दीघोद में देखने को मिला. ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का सर्वे करने पहुंचे कलेक्टर और पूर्व विधायक का किसानों ने पैर पकड़ लिए. किसानों का ऐसा दर्द छलका कि उनके आंसू भी नहीं रुके. किसानों ने तुरंत मुआवजे की गुहार लगाई है. किसानों को नुकसान न सिर्फ शिवपुरी में बल्कि उज्जैन, मंदसौर, नीमच, आगर, शाजापुर, देवास सहित कई जिलों में हुआ है.
ओलावृष्टि से कई जिलों में फसलें खराब
फसलें खराब होने की वजह से बेहद परेशानी है. उज्जैन से खबर है कि आज किसानों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया. किसान नेता भारत सिंह बैस ने बताया कि जिले के कई गांवों की फसलें चौपट हो गई हैं. प्रमुख रूप से गेहूं और चने की फसल ज्यादा प्रभावित हुई हैं. अधिकारियों से तुरंत मुआवजे की मांग की गई है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मांग मंजूर नहीं की गई तो किसान सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे. कोरोना की वजह से पहले ही किसानों की हालत पतली है. किसानों को फसलों का सही दाम तक नहीं मिल पा रहा है. प्याज और लहसुन के किसान दाम कम मिलने से परेशान हैं. दूसरी तरफ ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है. किसानों का दर्द लगातार झलक रहा है.