जबलपुर: मध्यप्रदेश में खाद की कमी का मुद्दा गर्माया हुआ है. किसान लगातार खाद संकट की बात कर रहे हैं लेकिन शासन कह रहा है कि खाद की कोई कमी नहीं है.असल समस्या डीएपी और यूरिया के शार्टेज की है. वहीं किसानों का कहना है कि असल समस्या खाद की कमी ही है.
DAP और NKP खाद को लेकर हो रही मारामारी
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के लगभग सभी जिलों से खाद की कमी की खबरें लगातार आ रही है. एबीपी न्यूज की टीम ने जबलपुर के कृषि उपज मंडी स्थित राज्य विपणन केंद्र पहुंच कर रियलिटी चेक की जहां से सरकारी दर पर खाद का वितरण किया जाता है. यहां गहमागहमी भरे माहौल में किसान लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते मिले. उड़ना गांव से आये किसान रामकुमार पटेल ने बताया कि मुख्य समस्या डीएपी ( DAP )और एनकेपी (NKP ) खाद को लेकर है. किसान DAP मांग रहे है लेकिन सरकार की तरफ ने NKP दिया जा है ,जो न केवल महंगी है बल्कि उसकी गुणवत्ता भी बेहतर नही है. दोनों की कीमत में अंतर भी बड़ा मसला है. बता दें कि DAP जहां सरकारी कीमत पर 1200 रुपये बोरी(50 किलोग्राम) मिलती है वहीं NKP का दाम 1475 रुपये बोरी (50 किलोग्राम)है. इसी तरह यूरिया भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहा है.
सरकारी विपणन केंद्र से कई-कई दिन DAP का वितरण नहीं होता
सूखा गांव के किसान गुलशन सिंह के मुताबिक बाजार में DAP खूब मिल रही है लेकिन उसकी कीमत 2000 रुपये प्रति बोरी है जबकि सरकारी विपणन केंद्र से कई-कई दिन DAP का वितरण नही किया जाता है. जब DAP आती भी है तो एक किसान को सिर्फ 10 बोरी का कोटा फिक्स कर दिया गया है. यह रकबे को देखते हुए काफी कम मात्रा है. हालात यह है कि किसान खाद के लिए सुबह पांच बजे से लाइन लगा लेते है और खाद मिलने में सुबह से शाम हो जाती है.
बोनी का समय निकलता जा रहा लेकिन नहीं मिल रही खाद
बिनेकी गांव के किसान उत्तम पटेल कहते है कि बोनी का समय निकलता जा रहा है लेकिन पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल रही है.बाजार से महंगी खाद खरीदने पर उत्पादन लागत बढ़ जाती है जिससे किसान को घटा उठाना पड़ता है.
सभी किसानों को खाद दिए जाने का किया जा रहा प्रयास
वहीं राज्य विपणन केंद्र के जबलपुर कृषि उपज मंडी गोदाम प्रभारी ज्ञानश्री धुर्वे के मुताबिक हम सभी किसानों को खाद देने का प्रयास कर है. जैसे-जैसे खाद आती जा रहा है,हम उसका वितरण करते जा रहे हैं.
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