छतरपुर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर (Chhatarpur) जिले में 5 साल का एक बच्चा बुधवार को बोरवेल (Borewell) में गिर गया था. उसे 7 सात घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बोरवेल से निकाला गया था. अब पुलिस ने बच्चे दीपेंद्र यादव के पिता और दादा पर ओरछा रोड थाने में धारा 308 के अंतर्गत मामला दर्ज किया है. उन पर जान-बूझकर बोरवेल को खुला छोड़ने और उसकी वजह से किसी की मृत्यु की संभावना की परिस्थिति बनाने का आरोप लगाया गया है.
पुलिस ने दादा और पिता पर क्या आरोप लगाए हैं
ओरछा रोड थाने में गुरुवार को दर्ज हुई एफआईआर के मुताबिक पुलिस ने दीपेंद्र यादव के पिता अखिलेश यादव और दादा रमेश यादव को आईपीसी की धारा 308 का आरोपी बनाया है. उन पर जानबूझकर बोरवेल को खुला छोड़ने और उसकी वजह से किसी की मृत्यु की संभावना की परिस्थिति बनाने का आरोपी बनाया गया है. पुलिस ने इस मामले में थाना प्रभारी अभिषेक चौबे को शिकायतकर्ता बनाया है.
कितनी होती है इस आरोप में सजा
आईपीसी की धारा-308 के मुताबिक जो भी कोई इस तरह के इरादे या बोध के साथ ऐसी परिस्थितियों में कोई कार्य करता है, जिससे वह किसी की मृत्यु का कारण बन जाए, तो वह गैर इरादतन हत्या (जो हत्या की श्रेणी में नहीं आता) का दोषी होगा. उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है या आर्थिक दंड लगाया जा सकता है. यह गैर जमानती श्रेणी का अपराध है. इस मामले में दोषी को 7 साल तक की सजा हो सकती है.
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