FIR Against MLA Manoj Chawla: मध्य प्रदेश के रतलाम जिले की आलोट तहसील के विधायक मनोज चावला की मुश्किलें बढ़ गई हैं. आलोट पुलिस ने विधायक के खिलाफ लूट, सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने और जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया है. इस मामले में आरोप सिद्ध हो जाने पर 10 साल तक की सजा हो सकती है.
गौरतलब है कि गुरुवार को यूरिया की किल्लत के चलते किसानों ने आलोट विधायक मनोज चावला से शिकायत की थी जिसके बाद आलोट स्थित मध्य प्रदेश सहकारी विपणन संघ के गोदाम का शटर ऊंचा कर किसानों को यूरिया ले जाने को कहा था. इस मामले में गोदाम के अधिकारी भगत राम ने आलोट थाने में शिकायत की. रतलाम एसपी अभिषेक तिवारी ने बताया कि भगतराम की शिकायत पर विधायक मनोज चावला, योगेंद्र जादौन सहित अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 392, 353, 332 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपियों पर ₹15000 से ज्यादा कीमत की खाद लूट कर ले जाने का आरोप है. पुलिस के मुताबिक अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. इस मामले में सोशल मीडिया पर जारी फोटो और वीडियो के आधार पर अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है.
समझिए इन गंभीर धाराओं को
एडवोकेट वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि धारा 392 लूट के अपराध में दर्ज की जाती है. इसके अलावा, धारा 353 सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने पर लगाई जाती है. अगर सरकारी कामकाज में बाधा के दौरान किसी कर्मचारी को चोट आती है, तो धारा 332 भी जोड़ दी जाती है. भारतीय दंड संहिता की इन धाराओं को गंभीर श्रेणी में माना जाता है. यह गैर जमानती धाराएं हैं. धारा 392 का ट्रायल सेशन कोर्ट में होता है.
10 साल की हो सकती है सजा
एडवोकेट किशोर सिंह भदोरिया के मुताबिक धारा 353 में 3 साल तक की सजा का प्रावधान है, जबकि धारा 332 में 2 साल तक की सजा और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि धारा 392 सबसे गंभीर श्रेणी की धारा है. इसमें 10 साल तक की सजा हो सकती है. इससे स्पष्ट है कि यदि विधायक मनोज चावला पर आरोप सिद्ध हो जाता है तो उन्हें 10 साल तक की सजा हो सकती है. ऐसे में आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर उनकी मुश्किलें भी खड़ी हो सकती है.