MP NEWS: ऐसा लगता के कि मध्य प्रदेश में आईएएस अधिकारियों का नौकरी से मोह भंग हो गया है. शायद यही वजह है कि आईएएस अफसर नौकरी छोड़कर लगातार राजनीति के मैदान में कूद रहे हैं. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Election) से पहले एक और पूर्व आईएएस अधिकारी ने नई पार्टी बना कर आने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को मैदान में उतारने की घोषणा कर दी है. आईएएस अधिकारी द्वारा पार्टी बनाने का यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी पूर्व आईएएस अफसर राजनीतिक पार्टी बनाकर चुनावी मैदान में उतर चुके हैं. 


वरद मूर्ति मिश्रा ने बनाई पार्टी
राज्य प्रशासनिक सेवा के 1996 बैच के डिप्टी कलेक्टर वरद मूर्ति मिश्रा ने नई पार्टी बना ली है. उन्होंने ऐलान किया कि आने वाले चुनाव में उनकी पार्टी के प्रत्याशी मैदान में उतरेंगे. वरद मूर्ति मिश्रा को साल 2014 में आईएएस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. वे एमपी के 26 अलग-अलग जिलों में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. पूर्व आईएएस वरद मूर्ति मिश्रा ने पिछले 6 महीनों में कई बार मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार पर हमला बोलते हुए एमपी में चल रही योजनाओं पर सवाल खड़े किए थे. इसके बाद से यह कयास लगाए जा रहे थे कि पूर्व आईएएस चुनावी मैदान में भी उतर सकते हैं. 


पार्टी का नाम किया घोषित
उन्होंने अपनी पार्टी का नाम भी घोषित कर दिया है. पूर्व आईएएस वरद मूर्ति मिश्रा की पार्टी का नाम 'वास्तविक भारत पार्टी' है. यह पार्टी भी दूसरी राजनीतिक पार्टियों की तरह चुनावी मैदान में अपना भाग्य आजमाएगी. गौरतलब है कि पहले भी पूर्व आईएएस हीरालाल त्रिवेदी सपाक्स के माध्यम से राजनीतिक मैदान में उतर चुके हैं. एमपी में लगातार अफसरों द्वारा राजनीतिक पार्टी बनाकर चुनावी मैदान में उतरने का क्रम जारी है.


नेताओं को महंगी पड़ रही अफसरों से मित्रता
मध्य प्रदेश में चाहे बीजेपी की सरकार हो या फिर कांग्रेस की, हमेशा से आईएएस अफसरों की राजनेताओं से घनिष्ठता के किस्से सामने आए हैं. अब यही आईएएस अफसर राजनेताओं के सामने सबसे बड़ी परेशानी पैदा करने जा रहे हैं. पूर्व आईएएस अफसरों के लगातार राजनीति में सक्रिय होने के कारण राजनीति में कहीं ना कहीं प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है. पहले भी कई पूर्व आईपीएस और आईएएस राजनीति में सफल हुए हैं. यही वजह है कि अब कई अफसर राजनीति में अपने भाग्य को आजमा रहे हैं.


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