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MP News: कुपोषण से निपटने के लिए सरकार का फैसला, अब मिड डे मील में मिलेगा फोर्टिफाइड चावल, जानें- क्या होगा फायदा
MP News: जबलपुर में मार्कफेड के डीएमओ रोहित सिंह बघेल ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि यह फोर्टिफाइड चावल एफसीआई मिलर को उपलब्ध करवाएगा. मिलर इसे धान की मिलिंग के दौरान ही सामान्य चावल में मिला देगा.
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MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कुपोषण की बड़ी समस्या है. इससे निपटने के लिए अब आंगनबाड़ी और मिड डे मील सहित तमाम योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल (Fortified Rice) बांटने का फैसला किया गया है. चावल के हर सौ दाने पर एक दाना फोर्टिफाइड चावल के मिलाने का निर्देश फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) ने दिया है. इसका मतलब है कि सौ ग्राम चावल के दाने में एक ग्राम फोर्टिफाइड चावल मिक्स होगा.
जबलपुर में मार्कफेड के जिला मार्केटिंग ऑफिसर रोहित सिंह बघेल ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि यह फोर्टिफाइड चावल एफसीआई मिलर को उपलब्ध करवाएगा. इसके बाद मिलर इसे धान की मिलिंग के दौरान ही सामान्य चावल में मिला देगा. फिलहाल यह अनिवार्यता एफसीआई को दिए जाने वाले चावल के लिए है, लेकिन जल्द ही इसे राज्य सरकार भी लागू करने जा रही है. आइये जानते हैं कि फोर्टिफाइड चावल और इसके फायदा क्या होने वाले हैं...
क्या है फोर्टिफाइड चावल
न्यूट्रिशन एक्सपर्ट की मानें तो फोर्टिफाइड चावल लोगों के भोजन में आवश्यक पौष्टिक तत्वों को पूरा करता है. यह कुपोषण पर नियंत्रण पाने में काफी हद तक मददगार साबित होगा. फोर्टिफिकेशन एक ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसके जरिए भोजन में जरूरी पोषक तत्वों को जोड़ा जाता है. इसे खाने वाले लोगों की सेहत में सुधार आएगा और कुपोषण की समस्या दूर होगी. नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने साल 2021 के अक्टूबर में जारी एक नोट में कहा था कि चावल के फोर्टिफिकेशन के जरिए उसमें आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी जैसे जरूरी पोषक तत्व जोड़े जाते हैं. यह कम समय में कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए एक प्रभावी और कम लागत वाली बेहतर रणनीति है.
जबलपुर को 29 टन फोर्टिफाइड चावल की पहली खेप मिली
मार्कफेड के डीएमओ रोहित सिंह बघेल बताते हैं कि मध्य प्रदेश में सिंगरौली और अनूपपुर में फोर्टिफाइड चावल बनाने के दो प्लांट लगाए गए हैं. इनसे सरकार 68 रुपये प्रति किलोग्राम फोर्टिफाइड चावल खरीदकर मिलर को दे रही है. चूंकि मिलर को फोर्टिफाइड चावल मिलाने के लिए नई ब्लेंडिंग मशीन लगानी पड़ रही है और उसकी लागत बढ़ गई है, इसलिए सरकार ने मिलर को प्रति किलोग्राम फोर्टिफाइड चावल पर 5 रुपये प्रोत्साहन राशि देने का फैसला लिया गया है. फिलहाल जबलपुर को 29 टन फोर्टिफाइड चावल की पहली खेप मिल गई है. जबलपुर में इस साल साढ़े तीन लाख टन धान की मिलिंग का अनुमान है.
योजना को लागू करने में इतने हजार करोड़ रुपये का आएगा खर्च
आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को 2024 तक मिड डे मिल, आंगनबाड़ी में पोषक आहार और राशन की दुकानों सहित सभी सरकारी योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल देने या वितरण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिल्ली में इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अब तक सरकारी एजेंसियों ने 88.65 लाख मीट्रिक टन फोर्टिफाइड चावल की खरीद कर ली है. इस स्कीम को लागू करने में कुल 4,270 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है, जिसे केंद्र वहन करेगा. सरकार की योजना के मुताबिक इस स्कीम को साल 2024 तक देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चरणबद्ध तरीके से लागू कर दिया जाएगा.
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