जबलपुर: शेयर बाजार में निवेश करके पांच प्रतिशत मासिक रिटर्न का लालच देने वाले झांसा गैंग के सरगना को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरपीएस केपिटल नाम से फर्जी फाइनेंस एंड इन्वेस्टमेंट कंपनी चलाने वाले आरोपी राहुल प्रताप सिंह को पुलिस ने कांचघर स्थित घर से पकड़ा है. पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को बताया कि इन्वेस्टमेंट पर मोटा मुनाफा देने का लालच देकर उसने लोगों से करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया था. फेसबुक के माध्यम से भी उसने फर्जीवाड़े का जाल बिछाकर लोगों को ठगी का शिकार बनाया है.
सब्जी बेचने वाले, पान और ठेले वालों को बनाते थे शिकार
गौरतलब है कि शेयर मार्केट में निवेश पर 5 प्रतिशत मासिक रिटर्न का झांसा देने वाले एक गैंग को कुछ दिन पहले जबलपुर की गोरखपुर थाना पुलिस ने पकड़ा था. ये लोग आदि शंकराचार्य चौक पर सब्जी बेचने वाले,पान का ठेला लगाने वाले या ऑटो रिक्शा चलाने वालों को पम्पलेट बांट कर स्कीम में फंसने का लालच दे रहे थे.
शेयर मार्केट और कमोडिटी मार्केट में पैसा लगाने का दे रहे थे झांसा
गोरखपुर थाना प्रभारी अर्चना मुताबिक कुछ लोग फर्जी तरीके से शेयर मार्केट में पैसे लगाने का लालच देकर आदि शंकराचार्य (छोटी लाईन) चौक में लोगों से ठगी का प्रयास कर रहे थे. सूचना मिलने पर पुलिस जब यहां पहुंची तो शिकायतकर्ता बसंत कुमार शरणागत ने बताया कि सब्जी, पान ठेले वाले, मजदूर लोग और आटो वालों को कुछ व्यक्ति नीले और पीले रंग का पम्पलेट बांट रहे हैं और बोल रहे है कि आप हमारे आफिस में पैसे जमा करेंगे तो आपके जमा किये हुए पैसों पर 5 प्रतिशत की दर से प्रति माह फायदा मिलेगा. ये पैसा शेयर मार्केट और कमोडिटी मार्केट में लगाया जायेगा. चूंकि बसंत ने आरबीआई के विज्ञापन टीवी पर देखा था,इसलिए उसे इन पर संदेह हुआ. इसके बाद शिकायतकर्ता द्वारा बताये गये हुलिये के आधार पर तीन लोगों को पुलिस ने धर दबोचा.
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया केस
आरोपियों ने अपने नाम अनुज सिंह, सचिन राज और रिचेस बताया. पुलिस ने उनके पास से आरपीएस केपिटल द्वारा मुद्रित पीले एवं नीले रंग के पर्चे भी जब्त किए. पर्चे में लिखा था कि हमारे साथ शेयर मार्केट और कमोडिटी मार्केट में पैसे लगाये तथा पायें अपने निवेश का 5 प्रतिशत प्रति माह का रिटर्न 40 माह तक. पुलिस ने पकड़े गए तीनों कमीशन एजेंट के साथ आरपीएस केपिटल के संचालक के खिलाफ धारा 420 , 34 भादवि तथा म.प्र . निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 की धारा 6 (1) के तहत मामला दर्ज किया है.
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