MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक फिर ऐलान किया है कि स्कूलों में गीता और रामायण के साथ हिंदू धर्म के तमाम पवित्र ग्रंथों की शिक्षा दी जाएगी. एमपी की राजधानी भोपाल में सोमवार को आयोजित एक कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि,"हमारे रामायण, महाभारत, वेद, पुराण, उपनिषद अमूल्य ग्रंथ हैं. इन ग्रंथों में मनुष्य को नैतिक व संपूर्ण बनाने की क्षमता है. इन पवित्र ग्रंथों की शिक्षा देकर हम अपने बच्चों को पूर्ण और नैतिक बनाएंगे.


भोपाल में विद्या भारती द्वारा आयोजित सुघोष दर्शन कार्यक्रम में सीएम चौहान ने कहा कि नई शिक्षा नीति में यह तय किया गया है कि अब मातृभाषा में शिक्षा दी जाएगी. मध्य प्रदेश की धरती पर मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिंदी में करवाई जाएगी. उन्होंने आरोप लगाया कि देश में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें हमारी संस्कृति, अध्यात्म, धर्म और महापुरुषों की आलोचना करने में ही आनंद आता है. ऐसे लोग यह नहीं जानते कि देश का वे कितना नुकसान कर रहे हैं.


राम के बिना भारत की कल्पना संभव नहीं


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा- 'क्या भगवान राम के बिना भारत को जाना जा सकता है? हमारे रामायण, महाभारत, वेद, पुराण, उपनिषद अमूल्य ग्रंथ हैं. इन ग्रंथों में मनुष्य को नैतिक व संपूर्ण बनाने की क्षमता है. इन पवित्र ग्रंथों की शिक्षा देकर हम अपने बच्चों को पूर्ण और नैतिक भी बनाएंगे.'


CM ने जताया पीएम मोदी का आभार 


सीएम चौहान ने इस मौके पर मां भारती के वीर सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित किया.उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि अंग्रेजों ने हमें यह आजादी तश्तरी में रखकर भेंट नहीं की थी. इसके लिए हजारों क्रांतिकारियों ने अपने रक्त की अंतिम बूंद तक देश को अर्पित की थी.नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने विदेश में भी आजाद हिंद फौज बनाई और स्वतंत्रता के लिए लड़ाई की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूँ, जिन्होंने कर्तव्यपथ पर नेताजी की प्रतिमा स्थापित कर इस ऋण को उतारने का प्रयास किया.


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