MP News: मध्य प्रदेश में पीएससी की परीक्षा परिणाम घोषित करने का रास्ता साफ हो गया है. 2019 की मुख्य परीक्षा और 2020 की प्रारंभिक परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. राज्य सरकार ने एमपीपीएससी भर्ती परीक्षा नियम 2015 में किए गए संशोधन को वापस ले लिया है. अब हाईकोर्ट में अगली सुनवाई के बाद दोनों ही परीक्षाओं का परिणाम जारी हो सकेगा. 


आपको बता दें कि जनवरी 2021 में एमपीपीएससी परीक्षा से जुड़े 65 अभ्यर्थियों ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका के माध्यम से बताया गया था कि आरक्षित वर्ग के मेरिटोरियस छात्रों को अनारक्षित वर्ग में चुना नहीं जा रहा है. अभ्यर्थियों ने एमपीपीएससी परीक्षा भर्ती नियम 2015 का हवाला दिया. मामले में करीब 1 साल तक सुनवाई चली. पिछली सुनवाई में सरकार ने अंडरटेकिंग देते हुए कहा था कि आगामी कैबिनेट की बैठक में विवादित नियम को खत्म करने के लिए कार्यवाही कर ली जाएगी. राज्य सरकार के जवाब पर हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई जनवरी माह में नियत की है.


MPPSC की परीक्षा परिणाम घोषित करने का रास्ता साफ


अब सरकार ने कैबिनेट से विवादित नियम को वापस लेने का प्रस्ताव पास कर दिया है. विवादित नियम के मद्देनजर आरक्षित वर्ग के मेरिटोरियस उम्मीदवार अनारक्षित वर्ग में चयनित नहीं हो रहे थे. हाईकोर्ट ने पीएससी 2019 की मुख्य परीक्षा और 2020 की प्रारंभिक परीक्षाओं के नतीजे घोषित करने पर रोक लगा दी थी. अधिवक्ता रामेश्वर यादव का कहना है कि विवादित नियम की वापसी से उम्मीद है कि अगली सुनवाई में सरकार के जवाब से दोनों ही परीक्षा परिणामों को घोषित करने का रास्ता साफ हो जाएगा. आपको बता दें कि पीएससी की मुख्य परीक्षा 2019 में कुल 571 और 2020 की प्रारंभिक परीक्षा में कुल 235 पदों पर भर्ती होनी है. 


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