MP News: प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिलाने के लिए सक्रिय हुई सरकार, इस तरह से करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन
Sehore News: ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिव और ग्राम रोजगार सहायक और नगरीय क्षेत्र में नगरीय निकाय के वार्ड प्रभारियों द्वारा किया जाएगा. इसमें प्रदेश के बाहर के प्रवासी श्रमिक शामिल नहीं किए जाएंगे.
सीहोर: मध्य प्रदेश के मूल निवासी प्रवासी श्रमिक, जो 1 जनवरी 2022 या उसके बाद मध्य प्रदेश लौट रहे हैं, उनका रजिस्ट्रेशन प्रवासी श्रमिक पोर्टल और रोजगार सेतु पोर्टल पर अनिवार्य रूप से किया जाएगा. श्रम विभाग ने इसके लिए प्रदेश के सभी कलेक्टर को निर्देश जारी किए हैं. इससे पहले 1 अप्रैल 2021 या उसके बाद प्रदेश में लौटे प्रवासी श्रमिकों के पंजीयन के संबंध में निर्देश दिए गए थे.प्रदेश में कोविड-19 की विपरीत परिस्थितियों के कारण मध्य प्रदेश के मूल निवासी श्रमिक जो दूसरे राज्यों में नियोजित थे, वो मध्य प्रदेश वापस लौट रहे हैं या राज्य के अन्दर अन्य जिलों से लौट रहे हैं. इन सभी को शासन की विभिन्न योजनाओं का पात्रतानुसार लाभ दिया जाना है. इसके लिए इनका सर्वे, सत्यापन और रजिस्ट्रेशन कराया जाना है.
कहां कौन करेगा रजिस्ट्रेशन
यह काम ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिवों और ग्राम रोजगार सहायकों और नगरीय क्षेत्रों में नगरीय निकाय के वार्ड प्रभारियों द्वारा किया जाएगा. इसमें ऐसे प्रवासी श्रमिक जो मध्य प्रदेश के मूल निवासी नहीं हैं, उन्हें शामिल नहीं किया जाएगा. ऐसे सभी मूल निवासी प्रवासी श्रमिकों का सर्वे किया जाएगा, जो मुख्यमंत्री जन-कल्याण योजना (संबल) या मध्य प्रदेश भवन और अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल योजना में पंजीयन के लिए पात्रता रखते हैं.
प्रवासी श्रमिकों में निर्माण श्रमिकों की 43, असंगठित श्रमिकों की 40 और कारखानों में नियोजित श्रमिकों की 9 श्रेणियां दी गई हैं. पोर्टल पर उन नियोजकों की भी जानकारी दी जाएगा, जिन्हें श्रमिक/मजदूरों की आवश्यकता है.प्रवासी श्रमिक इन नियोजकों से रोजगार के लिए पोर्टल पर दर्ज फोन अथवा ई-मेल से स्वयं भी संपर्क कर सकते हैं.
पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के सर्वे में अंकित जिन प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा में रोजगार उपलब्ध कराया गया है, उन्हें रोजगार सेतु पोर्टल पर संबंधित ग्राम पंचायत सचिव और रोजगार सहायक की ओर से अंकित किए जाने की कार्यवाही की जाएगी. जिला स्तर पर प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिलाने के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित होगी. यह नियमित रूप से काम की समीक्षा करेगी. कलेक्टर्स को निर्देश दिए गए हैं कि प्रवासी श्रमिकों संबंधी सर्वे, सत्यापन और रजिस्ट्रेशन का काम कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया जाए.
असंगठित श्रमिकों की ये हैं 40 श्रेणियां
साईकिल रिक्शा चालक, हाथठेला चालक, शहरी घरेलू कामकाजी महिला, हॉकर, फेरीवाले, कृषि कार्य, हम्माल और तुलावटी, बुनकर, केश शिल्पी, मत्स्य पालक, दुकान, रेस्टोरेंट व्यापार में संलग्न, परिवहन कार्य, मनरेगा कार्य, पत्थर तोड़ने तथा दलने वाले, पक्की ईंट तथा टाइल्स बनाने वाले, सिलाई करने वाले, सुगंधित तीलीयाँ एवं अगरबत्ती बनाने वाले, पापड़ अचार जेम्स आदि बनाने वाले, खिलौने बनाने वाले, चमड़े का शोधन करने वले, जूतू तथा कपड़े की वस्तु एवं मरम्मत कने वाले, साफ-सफाई तथा झाडू बहारू करने वाले, रैगपिकर्स (कबाड़ बीनने वाले), कढ़ाई, कढ़ाई की सजावट तथा वस्त्र बनाने मेंनियोजित, आटा तेल दाल तथा चावल मिल में नियोजित, प्राइवेट सुरक्षा सेवा, प्लास्टिक उद्योग, बर्तन बनाने वाले, लकड़ी का कार्य करने वाले, दरी तथा कारपेट बनाने वाले, आतिशबाजी तथा माचिस उद्योग, डब्बे तथा पैकिंग कार्य, कबाड़ी, दुग्ध उद्योग, वनोपज कार्य, रेशम उत्पादन, कपड़ो की रंगाई, रेत खदान मिट्टी खदान, लदाई, उतराई, ठेर लगाई, पैकिंग करने, वहन करने, तौलने, मापने में नियोजित, खदानों में नियोजित, खादी हाथकरघा तथा पॉवर लूप उद्योगों में तथा शिप्ली जैसे - बढ़ई, लोहार, गारा बनाने वाले कुम्हार आदि है.
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