Jabalpur HC on reservation in MPPSC: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की परीक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को फिलहाल 14 फीसदी आरक्षण ही मिलेगा. ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने के लिए सरकार की ओर से दायर मोडिफिकेशन याचिका (Modification Petition) पर गुरुवार को जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) में अहम सुनवाई हुई. हालांकि, जस्टिस शील नागू (Justice Sheel Nagu) और जस्टिस अरुण कुमार शर्मा (Justice Arun Kumar Sharma ) की बेंच इस मामले में नियमित सुनवाई के लिए तैयार हो गई थी लेकिन सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) के पैरवी के लिए उपलब्ध न होने के कारण सरकार की मांग पर सुनवाई 25 जुलाई तक के लिए टाल दी गई.
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पीएससी के मामलों पर हाईकोर्ट (High Court) द्वारा लगाई गई रोक के आदेश पर मोडिफिकेशन करने की अपील की गई. सरकार की ओर से कहा गया कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में ओबीसी वर्ग को एमपीपीएससी की भर्ती प्रक्रिया में हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक 14 फीसदी के हिसाब से आरक्षण दिया जा रहा है लेकिन बाद में अगर सरकार के पक्ष में फैसला आता है तो फिर ऐसे में अनेक अभ्यर्थियों के साथ नाइंसाफी होगी. हालांकि, हाईकोर्ट ने सरकार के इस तर्क को नहीं माना. हाईकोर्ट ने कहा कि यह संवैधानिक मामला है और इसमें, किसी भी आदेश में कोई मोडिफिकेशन नहीं किया जाएगा.
हाईकोर्ट ने यह कहा
इस बीच हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अब ओबीसी संबंधित मामलों पर नियमित सुनवाई की जाएगी लेकिन लंच के बाद ही सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता फिलहाल मामलों पर पैरवी नहीं कर पा रहे हैं. लिहाजा 12 जुलाई के बाद इन मामलों पर सुनवाई की जाए. इस पर हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई 25 जुलाई निर्धारित की है. अब ओबीसी आरक्षण से संबंधित सभी याचिकाओं पर 25 जुलाई को सुनवाई होगी.
यह भी पढ़ें- MPPSC Answer Key 2022: एमपीपीएससी प्री परीक्षा की रिवाइज्ड आंसर-की जारी, इस डायरेक्ट लिंक से करें डाउनलोड
बता दें कि मध्य प्रदेश में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण के मामले पर अदालत में लंबे समय से लड़ाई चल रही है. आरक्षण के खिलाफ लगी याचिकाओं में तर्क दिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के मुताबिक किसी भी राज्य में 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता है. वहीं, सरकार समेत प्रभावित पक्ष की याचिकाओं में कहा गया है कि मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग की जनसंख्या 50 फीसदी से ज्यादा है, ऐसे में ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने की जरूरत है.