किसानों और आम जनता को भू-अधिकार ऋण पुस्तिका प्राप्त करने के लिए अब पटवारी के पास जाने की जरूरत नहीं है. आम जनता की सुविधा के लिए भू-अधिकार ऋण पुस्तिका को ऑनलाइन कर दिया गया है. कोई भी व्यक्ति अपनी भू-अधिकार ऋण पुस्तिका को नजदीकी कियोस्क या कॉमन सर्विस सेंटर या अपने एंड्रायन मोबाइल फोन से 10 रुपये का निर्धारित शुल्क अदा कर ले सकता है. राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि प्रदेश की जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राजस्व विभाग ई-तकनीक को बढ़ावा दे रहा है, ताकि किसानों और आमजन को तहसील व पटवारी के चक्कर न लगाने पड़े. 


राजस्व मंत्री की लोगों से अपील


राजस्व मंत्री ने कहा कि वर्षों पूर्व आमजन और किसानों को अपने खाते की नकल पाना कठिन कार्य था. जन-मानस की परेशानी को ध्यान में रखते हुए आजादी के 70 साल बाद राजस्व विभाग के नियमों में बदलाव कर जन-सुविधा से जुड़े अभिनव प्रयोग किए जा रहे हैं. राजस्व महकमे द्वारा सुविधाजनक रूप से किए गए बदलाव का ई-तकनीक के माध्यम से लाभ उठाएं और परेशानी से बचें. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों या आमजन को उनके खाते की खसरा, वी-1 और ऋण-पुस्तिका की प्रति वाट्सएप पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है.


सभी जिलों का भूमि रिकॉर्ड ऑनलाइन


राजस्व विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों के भूमि रिकॉर्ड को ऑनलाइन कर दिया है. अब मध्य प्रदेश के किसी भी जिले से संबंधित भूमि रिकॉर्ड को जनता ऑनलाइन घर बैठे देख सकती है. अब लोगों को छोटी-छोटी सूचनाएं लेने के लिए बार-बार सरकारी कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा. मध्य प्रदेश भू-अभिलेख पोर्टल के माध्यम से खसरा-खतौनी की नकल, भू-अभिलेख का रिकॉर्ड, आबादी सर्वे का रिकॉर्ड, बंधक भूमि की स्थिति, बंदोबस्त अधिकार अभिलेख, बंदोबस्त निस्तार पत्रक की स्केन प्रति, जमा बंधी नकल, खेत का नक्शा, विवादित भूमि का विवरण ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं.


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