भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुरैना में रविवार को सोशल मीडिया पर तेजी से एक वीडियो वायरल हुआ. इसमें एक मासूम बच्चा शव को गोद में लेकर बैठा हुआ था. एंबुलेंस के लिए पिता भटक रहा था. इसके बाद मध्य प्रदेश में हड़कंप मच गया. प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने सोमवार को कहा कि स्थिति ऐसी नहीं थी, वो जब आया था गंभीर बीमार था, फिर भी सरकार ने इस मामले को गंभीर माना है. उन्होंने बताया कि परिवार को 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है. संबल योजना से भी राहत राशि दी गई है.उन्होंने बताया कि जिला पंचायत सीईओ को इस मामले की जांच करने को कहा गया है. उनसे आज देर शाम तक रिपोर्ट मांगी गई है.इसके साथ ही सिविल सर्जन को नोटिस जारी किया गया है.
पूरा मामला यह है पढिए
मुरैना के अंबाह के बड़फरा गांव निवासी पूजाराम जाटव शनिवार दोपहर 12 बजे के करीब अपने दो साल के बेटे राजा को एंबुलेंस के जरिए अंबाह अस्पताल से रेफर कराकर जिला अस्पताल मुरैना लाए थे. एनीमिया और पेट में पानी भरने की बीमारी से ग्रसित राजा ने जिला अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. अंबाह अस्पताल से राजा को लेकर जो एंबुलेंस आई वह तत्काल लौट गई.राजा की मौत के बाद उसके गरीब पिता पूजाराम ने अस्पताल के डाक्टर और स्टाफ से शव को गांव ले जाने के लिए वाहन देने की बात कही. उन्हें यह कहकर मना कर दिया गया कि शव ले जाने के लिए अस्पताल में कोई वाहन नहीं है. बाहर भाड़े से गाड़ी कर लो. .इसके बाद लाचार गरीब बाप से अस्पताल परिसर में खड़ी एंबुलेंस के किसी संचालक ने डेढ़ हजार रुपये भाड़ा मांगा, लेकिन पूजाराम के पास इतनी रकम नहीं थी. इसलिए वह अपने बेटे राजा के शव को लेकर अस्पताल के बाहर आ गए, उनके साथ में आठ साल का बेटा गुलशन भी था. पूजाराम जाटव को अस्पताल के बाहर भी कोई वाहन नहीं मिला.
शव को सड़क के किनारे लेकर बैठा भाई
इसके बाद बड़े बेटे गुलशन को नेहरू पार्क के सामने, सड़क किनारे बने नाले के पास बैठाकर पूजाराम सस्ते रेट में वाहन तलाशने चले गए. करीब पौन घंटे तक आठ साल का गुलशन अपने दो साल के भाई के शव को गोद में लेकर बैठा रहा. इस दौरान उसकी नजरें टकटकी लगाए सड़क पर पिता के लौटने का इंतजार करती रहीं. कभी गुलशन रोने लगता तो कभी अपने भाई के शव को दुलारने लगता. सड़क पर राहगीरों की भीड़ लग गई. जिसने भी यह द्श्य देखा उसकी रूह कांप गई. कई लोगों की आंखें से आंसू बह निकले. सूचना मिलने पर कोतवाली टीआइ योगेंद्र सिंह जादौन ने गुलशन की गोद से उसके नन्हें भाई का शव उठवाया और दोनों को जिला अस्पताल ले गए.
पुलिस ने एंबुलेंस से घर भिजवाया
इसके कुछ देर बाद गुलशन के पिता पूजाराम भी आ गए. इसके बाद एंबुलेंस से शव को बड़फरा भिजवाया गया. रोते हुए पूजाराम ने बताया, ''उनके चार बच्चे हैं. तीन बेटे और एक बेटी. जिनमें राजा सबसे छोटा था.'' पूजाराम ने बताया कि उनकी पत्नी तुलसा तीन महीने पहले घर छोड़कर अपने मायके डबरा चली गई है. वह खुद ही बच्चों की देखभाल करता है.
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