सागर: मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर महापौर और नगरपालिका के अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रणाली को लेकर पिछले कई दिनों से चल रहा असमंजस खत्म हो गया है. अब प्रदेश में नगर निगम के महापौर का चुनाव सीधे जनता करेगी. वहीं नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव पार्षद करेंगे. शिवराज सरकार ने इस आशय का एक अध्यादेश राज्यपाल को भेजा था. इस अध्यादेश को राज्यपाल ने मंजूर कर लिया है. 


शिवराज सरकार ने पलटा कमलनाथ सरकार का फैसला


कमलनाथ सरकार ने महापौर और नगर पालिका के अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने का बदलाव किया था. अब शिवराज सरकार ने सिर्फ महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का बदलाव किया है. नगरीय निकाय चुनाव में नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से ही होगा. प्रदेश में 16 नगर निगम और करीब 300 नगर पालिका और नगर परिषद है. जहां चुनाव होंगे. 


प्रदेश के नगरीय निकाय मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि अब महापौर को जनता सीधे चुनेगी. प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव होगा. नगर पालिका व नगर परिषद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का निर्वाचन पार्षद करेंगे. उन्होंने बताया कि सरकार के अध्यादेश को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है. गजट नोटिफिकेशन होने के बाद प्रस्ताव राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा.


शिवराज सरकार ने किया संशोधन


यहां बता दें कि पहले कमलनाथ सरकार ने महापौर/नगर पालिका के अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष यानी पार्षदों के जरिए किए जाने का संसोधन किया था. अप्रत्यक्ष प्रणाली से दो नगरीय निकायों में चुनाव भी हो गए. अब शिवराज सरकार ने कांग्रेस की कमलनाथ सरकार का एक और फैसला पलट दिया है, लेकिन आधा ही. शिवराज सरकार सिर्फ महापौर के चुनाव जनता से करा रही है. लेकिन नगर पालिका और नगर परिष्दों के अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से ही होंगा. 


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