MP Handicapped Association: अपनी 16 सूत्रीय मांगों को लेकर मप्र के राघवगढ़ (Raghav Garh) से लेकर गुना (Guna) तक दिव्यांग सड़क पर घसीटते हुए गुना जा रहे हैं. जहां दिव्यांगजन अफसरों को ज्ञापन सौंपकर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की गुहार लगाएंगे. राघवगढ़ से शुरू हुई दिव्यांगजनों की यह यात्रा आठ दिन में महज 20 किलोमीटर का फासला ही तय कर सकी है. इस दौरान तपती दोपहरी में सड़क पर घिसटने की वजह से दिव्यांगजन लहूलुहान हो गए.
स्वाभिमान यात्रा पर हैं दिव्यांग
इस दौरान जब दिव्यांगजनों के पास राघवगढ़ एसडीएम पहुंची तो दिव्यांगजनों ने रोते बिलखते अपनी पीड़ा बताई और कहा कि हमें हमारे हालातों पर छोड़ दो. इस मौके पर दिव्यांगों ने कहा कि हम से बेहतर तो वो कुत्ते हैं, जो लग्जरी कारों में सफर कर रहे हैं. बता दें अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिव्यांगजन स्वाभिमान यात्रा निकाल रहे हैं.
अपनी मांगों पर अड़े हैं दिव्यांग
दिव्यांगजनों ने अपनी स्वाभिमान यात्रा की शुरुआत प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के गढ़ राघवगढ़ से की है. यात्रा को आठ दिन हो गए हैं. यात्रा अभी महज 20 किलोमीटर का ही सफर तय कर सकी है. दिव्यांगजन गुना पहुंचकर अफसरों को अपनी पीड़ा बताएंगे. दिव्यांगजनों से मिलने राघवगढ़ एसडीएम अंजली आर पहुंची. उन्होंने दिव्यांग संघ के अध्यक्ष मलखान सिंह यादव से बात की, जिस पर दिव्यांगजनों ने बताया कि हम पहले गुना में ज्ञापन सौंपेंगे, समस्या दूर नहीं हुई, तो हम राजधानी भोपाल भी जाएंगे, जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बताएंगे, अब पीछे हटने वाले नहीं है.
देश आजाद है पर हम अब भी गुलाम
स्वाभिमान यात्रा निकाल रहे दिव्यांगजन अभी देहरी तक ही पहुंची है. दिव्यांगजनों ने एसडीएम को बताया कि हमारा देश आजाद हो गया, लेकिन हम अब भी गुलामी भरी जिंदगी जी रहे हैं. हमें भी हक हैं कि हम अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ सकें. दिव्यांगजनों ने बताया कि नेता को हजारों लाखों में पेंशन मिल रही है, अफसरों का वेतन बढ़ रहा है, लेकिन बस यह सरकार दिव्यांगजनों की ही अनदेखी कर रही है.
एसडीएम ने कराई मरहम पट्टी
बता दें तपती दोपहरी में सडक़ पर घसीटते हुए चल रहे दिव्यांगजनों के हाथ-पैरों में छाले आ गए हैं. वे खून से लथपथ हो गए हैं. दिव्यांगजनों की यह हालत देख एसडीएम अंजली आर ने दिव्यांगों की मरहम पट्टी कराई. दिव्यांगजनों ने एसडीएम से कहा कि हमारी समस्या दूर नहीं हुई तो हम गुना के बाद भोपाल में सरकार की चौखट तक जाएंगे. हमने नेताओं से भी कह दिया कि झूठी सहानुभूति बटोरने हमारे पास न आएं. अब तो हम चुनाव में भी मतदान का बहिष्कार करेंगे.
ये हैं दिव्यांगजनों की 16 सूत्रीय मांगें
1. पेंशन को 5000 रुपए प्रतिमाह किया जाए.
2. सभी विभागों में दिव्यांगों के लिए रिक्त पदों को बैकलॉग भर्ती के माध्यम से शीघ्र भरा जाए.
3. दिव्यांगों के लिए पांच लाख तक का लोन अनिवार्य रूप से दिया जाए. इसके लिए प्रत्येक जिले में एकल खिड़की की व्यवस्था की जाए.
4. यदि दोनों दिव्यांग हैं, तो दो लाख और यदि एक दिव्यांग है तो पांच लाख रुपए दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन राशि दी जाए एवं जिला स्तर पर ऐसे दम्पत्तियों को सम्मानित किया जाए, ताकि दिव्यांग व्यक्ति से विवाह के प्रति समाज में एक सकारात्मक संदेश पहुंच सके.
5. दिव्यांग अधिनियम 2016 और मप्र दिव्यांग अधिनियम 2017 को धरातल पर लागू किया जाए.
6. सामाजिक न्याय एवं दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग से नि:शक्त जन कल्याण मंत्रालय को अलग किया जाए.
7. पंचायत, नगरीय निकाय, विधानसभा, संसद के दोनों सदनों में दिव्यांगों को पांच प्रतिशत आरक्षण दिया जाए.
8. दिव्यांगों के लिए आयुक्त एवं मुख्य आयुक्त के पद पर दिव्यांग व्यक्ति को ही नियुक्त किया जाए.
9. आवासहीन दिव्यांगों के लिए पट्टा वितरण कर आवास एवं शौचालय उपलब्ध कराया जाए.
10. आउटसोर्स भर्ती में दिव्यांगों के लिए 20 प्रतिशत अनिवार्य रूप से आरक्षण दिया जाए.
11. दिव्यांगों के यूडीआईडी कार्ड को हर विभाग में व्यावहारिक रूप से लागू किया जाए.
12. ग्रामीण शहरी अंचल की दिव्यांग खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने हेतु नि:शुल्क खेल सामग्री एवं ट्रेनिंग सेंटर तहसील एवं जिला स्तर पर स्थापित हो. जिससे की वह प्रदेश के दिव्यांग खिलाड़ी भी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतकर अपने जिले एवं राज्य को गौरवान्वित कर सके.
13. दिव्यांगों का हॉरिजॉन्टल आरक्षण समाप्त कर एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस की तरह ही दिव्यांगों का स्वतंत्र वर्ग निर्धारित कर आरक्षण दिया जाए.
14. शिक्षा एवं उच्च शिक्षा के सभी क्षेत्रों में दिव्यांगों को नि:शुल्क शिक्षा एवं निशुल्क छात्रावास का प्रावधान हो. छात्रावास उपलब्ध न होने की स्थिति में क्षेत्रवार आवास भत्ता उपलब्ध कराया जाए.
15. सभी जिलों में दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र का सुचारु रूप से संचालन किया जाए तथा दिव्यांगों की सभी समस्याओं का हल कर उनका पुनर्वास कराया जाए.
16. दिव्यांगों के लिए बिजली के बिलों में पूरी छूट दी जाए तथा दिव्यांग दम्पत्ति के दो बच्चों की नर्सरी से उच्च शिक्षा तक की पढ़ाई नि:शुल्क हो.