Burhanpur News: बुरहानपुर में स्वास्थ्य सेवाएं हो सकती हैं प्रभावित, आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे संविदा कर्मचारी
MP News: संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की नीति को 5 जून 2018 को सामने लाया गया था. अब तक इस नीति को लागू न करने को लेकर कर्मचारी 15 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर (Burhanpur) में 15 दिसंबर से प्रदेश के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी (Health contract workers) चरणबद्ध तरीके से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) के तहत जिले में 450 और प्रदेश में करीब 32 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं. जिले के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों में संविदा डॉक्टर, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, लैब टेक्निशियन, एएनएम, कम्प्यूटर, मैनेजमेंट कैडर के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे.
इस मामले पर कर्मचारियों के नेताओं का कहना है कि कोरोना काल में हमने अपनी जान पर खेलकर सेवाएं दी, लेकिन सरकार हमारी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दे रही है. संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के नियमितीकरण का मामला 5 जून 2018 को सामान्य प्रशासन द्वारा जारी नीति में सामने लाया गया था. इसमें संविदा कर्मचारियों को नियमित करने या नियमित होने तक नियमित कर्मचारियों के वेतन का 90 प्रतिशत वेतन देने का आदेश जारी किया गया था.
15 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू
वहीं अब तक 5 जून 2018 की नीति लागू नहीं होने से संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का मन बना लिया है. आपको बता दें कि संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ बुरहानपुर के कार्यकर्ता रविन्द्र सिंग राजपूत ने बताया कि जिले के सभी 450 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी 15 दिसंबर 2022 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. 13 दिसंबर को सोशल मीडिया के माध्यम से मांगों पर ध्यान आकर्षण कराया जाएगा. 14 दिसंबर को जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. 15 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी.
भोपाल में डॉक्टरों ने की थी हड़ताल
इससे पहले नवंबर में भोपाल में मेडिकल कॉलेजों से संबंधित सरकारी अस्पतालों में प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर मध्य प्रदेश के डॉक्टरों द्वारा विरोध जताया था. इस विरोध के चलते डॉक्टरों ने हड़ताल की थी. महज छह घंटे की हड़ताल के दौरान भोपाल के हमीदिया अस्पताल में मरीजों की खासी फजीहत हुई. वहीं करीब 30 ऑपरेशन टालने पड़े. तो वहीं, यहां आने वाले एक हजार से अधिक मरीजों को इलाज नहीं मिल सका. हालांकि डॉक्टरों की यह हड़ताल टल गई थी.
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