Jabalpur News: शिवराज सरकार के ओंकारेश्वर प्रोजेक्ट को हाईकोर्ट से लगा झटका, अंतरिम रोक लगाकर मांगा जवाब
Omkareshwar Project News: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शिवराज सिंह चौहान सरकार के ओंकारेश्वर प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य पर अंतरिम रोक लगा दी है और जवाब मांगा है.
MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की शिवराज सिंह चौहान सरकार (Shivraj Singh Chouhan Govt) के ओंकारेश्वर प्रोजेक्ट (Omkareshwar Project) को एमपी हाईकोर्ट (MP High Court) से झटका लगा है. हाईकोर्ट (High Court) ने राज्य सरकार (MP Govt) से पूछा है कि ओंकारेश्वर के संरक्षित क्षेत्र (Protected Area) में पर्यटन स्थल (Tourist Spot) बनाने के लिए निर्माण कार्य क्यों कराए जा रहे हैं? कोर्ट ने अंतरिम आदेश के तहत आगामी सुनवाई तक उक्त क्षेत्र में किसी भी तरह की निर्माण गतिविधि पर रोक लगा दी है.
एक जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने ओंकारेश्वर प्रोजेक्ट पर संस्कृति कार्य विभाग के प्रमुख सचिव, आर्कियोलॉजी स्कल्पचर और म्यूजियम विभाग के उप संचालक, खंडवा जिले के कलेक्टर, एसडीओ और डीएफओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने अंतरिम आदेश के तहत आगामी सुनवाई तक उक्त क्षेत्र में कोई भी गतिविधि करने पर रोक लगा दी है. मामले पर अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी.
जनहित याचिका में यह कहा गया
इंदौर की लोकहित अभियान समिति ने जनहित याचिका दायर कर बताया कि ओंकारेश्वर के खसरा क्रमांक 2, 3 और 9 की करीब 35 हेक्टेयर भूमि का क्षेत्र संरक्षित घोषित किया गया है. वर्ष 2005 में इस संबंध में सरकार ने अधिसूचना जारी की थी.
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता डीके त्रिपाठी ने बताया, ''पिछले नोटिफिकेशन को निरस्त किए बिना यहां कोई भी निर्माण नहीं किया जा सकता है. इसके बावजूद संस्कृति विभाग के जरिए ओंकारेश्वर ट्रस्ट बनाकर यहां पर्यटन स्थल का निर्माण किया जा रहा है. इसके तहत परिसर में आदि शंकराचार्य का स्टेच्यू, म्यूजियम, पार्किंग और टूरिस्ट सेंटर बनाया जाना प्रस्तावित है.'' उन्होंने बताया कि इसके लिए लगभग चार हजार पेड़ भी काटे जाने हैं.
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याचिका में आगे यह कहा गया
याचिका में बताया गया कि स्थानीय स्तर पर इसका बहुत विरोध हुआ. लगातार लोग इस पवित्र स्थल को पिकनिक स्पॉट बनाने का आरोप लगा रहे है. हस्ताक्षर अभियान के तहत करीब एक लाख लोगों ने इसके विरोध में साइन किए. संबंधित अधिकारियों को आवेदन दिया गया लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं की गई तो हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई.
बता दें कि मध्य प्रदेश मान्यूमेंट्स साइट्स एंड रिमेन्स एक्ट 1964 के तहत ओंकारेश्वर को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है. नियमानुसार उक्त एक्ट के तहत पूर्व में जारी किए गए नोटिफिकेशन को निरस्त किए बिना संरक्षित क्षेत्र का स्वरूप नहीं बदला जा सकता है.
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