MP News: अब अस्पतालों को नहीं मिलेगी प्रोविजनल फायर एनओसी, जबलपुर अग्निकांड के बाद सरकार ने लिया फैसला, जानें नए नियम
Bhopal News: नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि अब बिल्डिंग का निरीक्षण करने के बाद ही संबंधित अथॉरिटी द्वारा एनओसी जारी की जाएगी.
Bhopal: मध्यप्रदेश में प्रोविजनल फायर एनओसी लेकर अस्पताल चलाने वालों पर सरकार ने सख्ती का फैसला किया है. जबलपुर के एक निजी हॉस्पिटल में भीषण अग्नि हादसे में 8 लोगों की मौत के बाद सरकार ने तय किया है कि अब प्रोविजनल फायर एनओसी नहीं जारी की जाएगी.
अब ऐसे जारी की जाएगी फायर एनओसी
भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने प्रदेश सरकार नियमों में बदलाव कर अब प्रोविजनल फायर एनओसी जारी नहीं करेगी. नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि फायर अथॉरिटी द्वारा एक वर्ष के लिए प्रोविजनल फायर एनओसी दिए जाने का वर्तमान में प्रचलन है, जो उचित नहीं है. इसके स्थान पर बिल्डिंग का निर्माण पूरा होने के बाद पूर्णता प्रमाण-पत्र देते समय फायर अथॉरिटी द्वारा बिल्डिंग का निरीक्षण करके ही फायर एनओसी जारी की जाएगी. उन्होंने इस संबंध में जरूरी आदेश जारी करने के निर्देश प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास को दिए हैं.
अग्निशमन एक्ट लागू नहीं होने से पैदा हो रहीं विसंगतियां
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि अग्निशमन अधिनियम को एक माह में तैयार किया जाए, जिससे अधिनियम को आगामी विधानसभा सत्र में प्रस्तुत कर पारित किया जा सके.उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में अग्निशमन एक्ट लागू नहीं है. इससे मैदानी स्तर पर अग्निशमन को लेकर कई विसंगतियां पैदा हो रही हैं. गौरतलब है कि भूमि विकास नियम में विभाग द्वारा नगर पालक निगमों के आयुक्त एवं संभागीय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन को नगरीय क्षेत्रों, जिला कलेक्टरों को ग्रामीण क्षेत्रों और मुख्य कार्यपालन अधिकारी कंटोनमेंट बोर्ड को संबंधित क्षेत्र के लिए फायर अथॉरिटी घोषित किया गया है.
फायर सेफ्टी की कमियों को प्राथमिकता से पूरा करें
वहीं, जबलपुर में कमिश्नर बी. चन्द्रशेखर की अध्यक्षता में मेडिकल कालेज हॉस्पिटल की कार्यकारिणी समिति की बैठक आयोजित की गई. इस दौरान कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा व मेडिकल कालेज की डीन सहित समिति के सदस्य उपस्थित थे. बैठक में अस्पताल प्रबंधन की समुचित व्यवस्थाओं के संबंध में चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिये गये. इस दौरान विशेष रूप से कहा गया कि फायर सेफ्टी के लिए जो ऑडिट समिति है, वह अग्नि सुरक्षा के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक कार्य करें. इसके लिए कमिश्नर चन्द्रशेखर ने भी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देकर कहा कि अस्पताल प्रबंधन के साथ फायर सेफ्टी से जुड़ी जो-जो कमियां हैं, उसे प्राथमिकता से पूरा करें.
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