Indore News: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह को दोषी करार देते हुए इंदौर जिला कोर्ट ने एक साल की सजा सुनाई है. मामला 2011 में हुई भाजयुमो कार्यकर्ता के साथ मारपीट का है. 17 जुलाई 2011 को उज्जैन में भाजयुमो कार्यकर्ता जयंत राव ने दिग्विजय सिंह के काफिले को काला झंडा दिखाया था. घटना से नाराज दिग्विजय सिंह और भाजयुमो कार्यकर्ता के बीच झड़प हो गई थी. दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ उज्जैन के माधव नगर थाना में मामला दर्ज करवाया था. दिग्विजय सिंह के अलावा पूर्व सांसद प्रेमचंद्र गुड्डू, तराना विधायक महेश परमार, कांग्रेसी नेता अनंत नारायण सिंह समेत अन्य पर भी मामला दर्ज किया गया था.
दिग्विजय समेत 6 को एक एक साल की सजा
आज जनप्रतिनिधियों के लिए बनी 30 नंबर विशेष कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. विशेष न्यायालय इंदौर ने दिग्विजय सिंह, पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू, जय सिंह, असलम लाला, अनंत नारायण, दिलीप चौधरी सभी छह आरोपियों को एक एक साल की सजा सुनाई. तराना के कांग्रेस विधायक महेश परमार, मुकेश भाटी, हेमंत सिंह चौहान को साक्ष्य के अभाव में बरी हो गए. दिग्विजय सिंह और प्रेमचंद गुड्डू को कोर्ट ने अन्य चार आरोपियों को मारपीट के लिए भड़काने का दोषी माना है.
सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में जाने की कही बात
दिग्विजय सिंह, प्रेमचंद गुड्डू सहित सभी छह आरोपियों को कोर्ट ने पांच- पांच हजार रु जमा करवाकर 25 -25 हजार की जमानत पर रिहा कर दिया. सरकारी वकील विमल कुमार मिश्रा के अनुसार सभी आरोपियों की सजा 3 वर्ष से कम थी. इसलिए जमानत पर रिहा कर दिया गया है. दिग्विजय सिंह के वकील राहुल शर्मा ने कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही. मामले में दिग्विजय सिंह ने कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करने से इंकार दिया. लेकिन साथ ही ये भी कहा कि सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में जल्द अपील करेंगे.
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