MP News: चिड़ियाघर में बंदरों को सर्व सुविधा युक्त माहौल मिले और जंगल जैसा वातावरण मिले इसके लिए कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय के एक ओपन केंपस तैयार किया गया है. जिसका नाम रखा गया है ओपन मंकी हाउस. जिसमें शनिवार को बंदरो को छोड़ा गया. दरअसल, इन्दौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में पिछले कई समय से बंदरो के लिए बड़ा केम्पस तैयार करने की कोशिश की जा रही थी. जो अब बनकर तैयार हो गया है जिसका प्राणी संग्रहालय ने नाम दिया है. ओपन मंकी हाऊस. यह बंदरो का बाड़ा क़रीब 20 हजार स्क्वायर फिट में बनाया गया है. जिसमें बिना किसी औपचारिकता से इसमें बंदरो को छोड़ दिया गया.
जंगल जैसा माहौल बनाने की है तैयारी
वहीं कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय (जू ) के प्रबंधक डॉ. उत्तम यादव ने बताया की यहां बंदरों को जंगल जैसा माहौल मिले और उस कैंपस के अंदर सभी सेंट्रल जू अथॉरिटी के नाउंस के नियमों को देखते हुए यहां ओपन मंकी हाउस तैयार किया है. इस बाड़े में वॉटर बॉडी, झूले, चकरी, शेड वुडन लॉक के साथ ही मिट्टी के टीले और झूले भी लगाए गए हैं. साथ ही पौधारोपण भी किया गया है और बड़े-बड़े वृक्ष भी लगाए गए हैं. जिसके कारण बंदर आराम से उस जंगल नुमा पिंजरे में रहें. आमतौर पर इंदौर चिड़ियाघर ने बंदरों के लिए जिस तरह के वातावरण की जरूरत होती है यह बाड़ा उसी को ध्यान रखते तैयार किया गया है.
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दर्शक देख सकेंगे बंदरों के उछल कूद
बता दें कि अभी तक इंदौर चिड़ियाघर में एक छोटा सा पिंजरा बंदरों के लिए रखा गया था. जिसमे आठ बंदर रहते थे. जहां पर वह ठीक तरीके से उछल कूद नहीं कर पाते थे. जिसके कारण कई बंदर बीमार हो जाते थे. जिसके लिए पिछले दो सालों से जू प्रबंधक बाड़े की तैयारी कर रहा था. जो कि शुक्रवार को पूरा तैयार हुआ और शनिवार को ओपन मंकी हाउस की ओपनिंग भी कर दी गई है. गौरतलब है कि जिस तरह बंदरो के लिए ओपन बाड़ा बनाया गया है. वह बंदरो के लिए तो सुविधा है. अब आने वाले दर्शकों को भी इस ओपन मंकी हाउस में बंदरो को उछल कूद करते हुए देख सकेंगे.