Indore: इंदौर में तकनीक और मेहनत के बलबूते किसान ने किया आलू का बंपर उत्पादन, अधिकारी भी हुए हैरान
इंदौर में किसान ने आधुनिक तकनीक और मेहनत की बदौलत अधिकारियों को आश्चर्यचकित कर दिया है. सामान्य तौर पर आलू का उत्पादन एक हेक्टेयर में 220 से 240 क्विंटल होता था, लेकिन अब पैदावार दोगुना है.
MP News: इंदौर में आधुनिक तकनीक और मेहनत की बदौलत किसान ने कमाल कर दिया. आलू का बंपर उत्पादन देख कृषि विभाग के अधिकारी भी हैरान हो गए. त्रिलोकचन्द्र वास्कले की अगुवाई में उद्यानिकी विभाग की टीम ने गौतमपुरा थाना क्षेत्र में किसान भारत पटेल के खेत का मुआयना किया. खेत में आलू, प्याज, लहसुन की फसल लगाई गई थी. आलू अनुसंधान केंद्र मेरठ और ग्वालियर से मंगाए गये ब्रीडर सीड के अलावा आलू की अन्य सात वैराइटी लगाई गई थी. किसान के खेत में आलू खुदाई (फसल निकालने) का काम चल रहा था. जिस खेत में आलू की खुदाई हो रही थी, उसी खेत में प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत उद्यानिकी विभाग की तरफ से किसान को मिनी स्प्रिंकलर के लिये अनुदान दिया गया था.
एक हेक्टेयर में दोगुना आलू का उत्पादन और क्वालिटी भी बढ़िया
आम तौर पर प्रदेश के आलू किसान 1 हेक्टयर में 220 से 240 किवंटल का औसत उत्पादन लेते हैं. लेकिन आधुनिक तकनीक और मेहनत के बलबूते भारत पटेल खेत में 400 किवंटल प्रति हेक्टयर उत्पादन कर रहे हैं. आलू का उत्पादन और क्वालिटी देखकर पूरी टीम भी आश्चर्यचकित रह गई. टीम ने दो से तीन बार खेत के अलग अलग हिस्सों में जा कर आलू की फैसल का लेखा जोखा किया. उप संचालक उद्यानिकी त्रिलोकचन्द्र वास्कले ने बताया कि किसान की फसल का उत्पादन वाकई में रिकार्ड तोड़ है. एक जिला एक उत्पाद के तहत इंदोर जिले का चयन आलू की फसल के लिये किया गया है. सरकार की तरफ से किसानों को आलू प्रसंस्करण के लिए उद्योग लगाने पर अनुदान भी दिया जा रहा है.
आधुनिक तकनीक मिनी स्प्रिंकलर की मदद से किसान का कमाल
क्षेत्र के किसानों का कहना सामान्य तौर पर प्रति हेक्टेयर खेती में 240 क्विंटल तक आलू का उत्पादन होता है. लेकिन भारत पटेल का एक हेक्टेयर में 400 क्विंटल आलू निकालना आश्चर्यचकित कर देनेवाला है. किसान भारत पटेल के अनुसार मालवा की मिट्टी और जलवायु आलू की फसल के लिये बहुत ही उपयुक्त है. अगर किसान भाई सही तकनीक और वैज्ञानिक विधि से खेती करते हैं तो आने वाले समय में पंजाब और यूपी से भी आलू की अच्छी क्वालिटी और दोगुना उत्पादन कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि परंपरागत खेती में 220 से 240 क्विंटल प्रति हेक्टेयर का उत्पादन होता था. मगर अब आधुनिक तकनीक और मिनी स्प्रिंकलर से 400 क्विंटल प्रति हेक्टयर तक का उत्पादन हो रहा है.
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