Madhya Pradesh News: जबलपुर के 19 पैरा मेडिकल कालेजों ने स्कॉलरशिप घोटाला करके मध्य प्रदेश सरकार को तीन करोड़ 80 लाख का चूना लगाया है. इन घोटालेबाजों में सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े कई सफेदपोश लोग भी शामिल है. हालांकि, अब इनके खिलाफ एफआईआर के साथ कुर्की का आदेश जबलपुर के कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी ने जारी किया है. यहां बता दें कि इस पूरे घोटाले का खुलासा वकील विशाल बघेल ने आरटीआई लगाकर किया था. बघेल के मुताबिक साल 2010 से 2014 तक प्रदेश के सैकड़ों पैरा मेडिकल कॉलेजों में एससी,एसटी और ओबीसी छात्रों की पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप और ट्यूशन फीस में करोड़ों का घोटाला हुआ था.


2015 में दायर हुई याचिका
वकील विशाल बघेल ने 2015 में जबलपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी. इसके बाद सरकार ने स्कॉलरशिप घोटाले की जांच लोकायुक्त को सौंप दी थी. लंबे समय तक यह मामला दबा कर रखा गया लेकिन जनवरी 2022 में विशाल बघेल ने आरटीआई के माध्यम से घोटाले से जुड़े सभी तथ्यात्मक रिकॉर्ड निकाल कर एक बार फिर हाईकोर्ट के दरवाजे पर दस्तक दी. जब हाईकोर्ट से सरकार को नोटिस जारी हुआ तो वह फिर नींद से जागी और घोटालेबाजों से रिकवरी के लिए कमर कसी. दरअसल, बिना छात्रों का पंजीयन और एग्जाम दिलाये ही फर्जी नाम से रकम निकाली गई.


इन कॉलेजों पर गिरी गाज
घोटालेबाजों की लिस्ट में जबलपुर इंस्टीट्यूट ऑफ पैरा मेडिकल टेक्नालाजी कालेज, डॉ राधाकृष्णन कालेज ऑफ पैरा मेडिकल एजुकेशन करमेता, सुभाषचंद्र बोस पैरा मेडिकल इंस्टीट्यूट कालेज, स्वामी विवेकानंद पैरा मेडिकल कालेज, बालाजी इंस्टीटयूट ऑफ पैरा मेडिकल साइंस कालेज, बालाश्री इंस्टीटयूट ऑफ पैरा मेडिकल साइंस कालेज, सेन्ट्रल इंस्टीटयूट ऑफ पैरा मेडिकल टेक्नालॉजी कालेज, मीनाक्षी एकादमी ऑफ पैरा मेडिकल साइंसेस कालेज, बंसल इंस्टीटयूट ऑफ पैरा  मेडिकल कालेज, ए.पी.एन. पैरा मेडिकल महाविद्यालय सदर शामिल हैं.


विजयश्री एजुकेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस महाविद्यालय, एस.पी.आइ.पी.एम.टी. पैरा मेडिकल महाविद्यालय, सौर्य इंस्टीटूट ऑफ पैरा मेडिकल साइंस कालेज, रेवांचल ज्ञान प्रबोधनी पैरा मेडिकल साइंस कालेज, निवारण इंस्टीटयूट ऑफ पैरा मेडिकल साइंस कॉलेज, एम.एम.कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी एंड पैरा मेडिकल साइंस कालेज, महाकौशल इंस्टीटयूट ऑफ पैरा मेडिकल टेक्नालाजी कॉलेज, स्वास्तिक इंस्टीट्यूट ऑफ पैरा मेडिकल टेक्नोलॉजी कॉलेज और योगमणि इंस्टीट्यूट ऑफ पैरा मेडिकल साइंस महाविद्यालय शामिल है.


गरीब आदिवासी छात्रों की थी स्कॉलरशिप
गरीब आदिवासी छात्रों की स्कॉलरशिप डकारने वाले पैरा मेडिकल कॉलेजों में पहला नाम एस.पी.आइ.पी.एम.टी पैरा मेडिकल महाविद्यालय का है जिसके  ऊपर 225 छात्रों के नाम डकारी गई 48 लाख 56 हजार 790 रुपये की रिकवरी निकल रही है.जबलपुर इंस्टीट्यूट ऑफ पैरा मेडिकल टेक्नोलॉजी कॉलेज जबलपुर का है. इसके ऊपर 139 छात्रों की स्कॉलरशिप डकारने का आरोप है, जिसकी रकम 22 लाख 14 हजार 290 रुपये है. ये आंकड़े सरकार की ओर से हाई कोर्ट में पेश किए गए है.इसी तरह महाकौशल इंस्टिट्यूट ऑफ पैरा मेडिकल साइंस कॉलेज ने 129 छात्रों की 20 लाख 99 हजार 160 रुपये की स्कॉलरशिप का घोटाला किया है. इन दोनों कालेजों का संचालक एक ही व्यक्ति है.


घोटालेबाज कॉलेजों के खिलाफ एफआईआर
अब घोटालेबाज कॉलेजों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है. इसके साथ ही उनसे घोटाले की रकम वसूल करने कलेक्टर द्वारा आरआरसी भी जारी की जा रही है. जबलपुर में स्कॉलरशिप के घोटालेबाज कॉलेजों की संख्या 19 है और घोटाले की रकम 3 करोड़ 79 लाख रुपये से ऊपर है. कलेक्टर जबलपुर डॉ इलैयाराजा टी ने राजस्व अधिकारियों को साफ निर्देश दिए है कि जिन भी पैरामेडिकल कॉलेजों में पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप मामले में अनियमितताएं हुई हैं. इनके खिलाफ थानों में एफआईआर दर्ज कराई जाए. इसके साथ ही उनसे राशि की वसूली के लिए जरूरी हो तो कुर्की (RRC) की कार्रवाई भी की जाए. उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर दोषी कॉलेजों को छोड़ा न जाए.



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