Jabalpur Hospital News: मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक अजीब मामला सामने आया है. 'आधार कार्ड नहीं तो इलाज नहीं', इस तरह के अजीबोगरीब फरमान के साथ जबलपुर के जिला अस्पताल में पदस्थ एक महिला डॉक्टर ने घायल मरीज का इलाज करने से ही इनकार कर दिया. पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद भी डॉक्टर ने इलाज के लिए हामी नहीं भरी. पुलिस अधिकारियों की काफी मिन्नतों के बाद महिला का इलाज शुरू किया गया.


दरअसल जबलपुर के हनुमान ताल इलाके के सुब्बा शाह मैदान के पास हुए एक झगड़े में 65 साल की वृद्ध महिला मुन्नी बी घायल हो गई थी. उसे इलाज के लिए जैसे ही जिला अस्पताल विक्टोरिया लाया गया तो वहां ड्यूटी पर तैनात महिला डॉक्टर ने घायल का आधार कार्ड न होने का हवाला देते हुए न तो मुलाहिजा फॉर्म भरा और न ही उनका सही तरीके से इलाज किया.


पुलिस ने की डॉक्टर की मिन्नतें


घायल वृद्धा को अस्पताल लेकर पहुंची पुलिस ने भी ड्यूटी डॉक्टर से काफी मिन्नतें की लेकिन उन्होंने किसी की एक न सुनी. पुलिसकर्मी वापस थाने लौटे और अधिकारियों के साथ फिर दोबारा अस्पताल पहुंचे. पुलिसकर्मी लगातार घायल वृद्धा का इलाज करने और मुलाहिजा फॉर्म भरने की गुजारिश करते रहे लेकिन ड्यूटी डॉक्टर राहिला कुरैशी आरोपित तौर पर लगातार बदसलूकी करती रही. काफी देर मान-मनौव्वल के बाद जैसे-तैसे ड्यूटी डॉक्टर ने मुलाहिजा फॉर्म भरा और घायल वृद्धा का इलाज शुरू किया.


नियमों का हवाला देकर काम से झाड़ती हैं पल्ला


अस्पताल पहुंचे हनुमान ताल पुलिस के स्टाफ और घायल के परिजनों ने ड्यूटी डॉक्टर पर बदसलूकी का आरोप लगाया है. हनुमानताल थाना के एसआई चंद्रभान सिंह के मुताबिक जिला अस्पताल में जब भी डॉक्टर राहिला कुरैशी की तैनाती रहती है, तब वह इसी तरह परेशान करती हैं. नियमों का हवाला देकर इलाज से पल्ला झाड़ लेती हैं. इस मामले में राहिला कुरैशी का पक्ष लेने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका.


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