District Magistrate on Private Ambulance : जबलपुर में एम्बुलेंस संचालकों की गुंडागर्दी पर कलेक्टर ने सख्ती दिखाई है. एम्बुलेंस संचालकों द्वारा मेडिकल कालेज अस्पताल में घुसकर मरीजों से मारपीट के मामले में कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं. कलेक्टर ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन और एसडीएम से घटना की जांच रिपोर्ट तलब की है. जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर इलैयाराजा टी ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत आदेश जारी कर नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज परिसर में निजी एंबुलेंस की पार्किंग पर प्रतिबंध लगा दिया है.


अब सिर्फ ड्रॉप एंड गो की होगी अनुमति
कलेक्टर डॉ इलैयाराजा टी का कहना है कि जिले के सरकारी अस्पतालों में निजी एंबुलेंस को स्थाई रूप से खड़ा नहीं किया जा सकता. उन्हें अब अस्पतालों में सिर्फ ड्रॉप एंड गो की अनुमति दी जाएगी. कलेक्टर ने जबलपुर के सीएमएचओ और आरटीओ को निजी एम्बुलेंस के तय रेट्स का पालन करवाने के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर ने माना है कि जबलपुर में कई एंबुलेंस संचालक निजी अस्पतालों के साथ सिंडीकेट बनाकर काम कर रहे हैं जो मरीजों से मनमानी राशि वसूलते हैं.


एंबुलेंस पार्किंग पर लगा प्रतिबंध


जिला दंडाधिकारी की ओर से जारी आदेश के मुताबिक मेडिकल कॉलेज परिसर में शासकीय एंबुलेंस के अतिरिक्त किराए की एम्बुलेंस की पार्किंग प्रतिबंधित रहेगी. निजी एम्बुलेंस चालक अपनी एम्बुलेंस मेडीकल कॉलेज परिसर में पार्क नहीं कर सकेंगे. प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा गया है कि निजी एम्बुलेंस चालकों को अपनी एम्बुलेंस पर निर्धारित किराए की सूची अनिवार्य रूप से चस्पा करना होगी. इसके साथ ही मेडीकल कॉलेज परिसर में निजी एम्बुलेंस चालकों को सिर्फ ड्राप-एण्ड-गो की अनुमति ही रहेगी.


आदेश का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई
मेडिकल कॉलेज में निजी एम्बुलेंस चालकों द्वारा गत दिवस मारपीट की घटित की गई घटना के मद्देनजर जारी यह प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है.आदेश में कहा गया है कि इसका उल्लंघन भारतीय दंड संहिता की धारा 188 तथा अन्य समस्त प्रावधानों के अंतर्गत दांण्डिक कार्यवाही की जाएगी.


यहां बता दें कि जबलपुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में घुसकर कुछ निजी एंबुलेंस संचालकों ने एक महिला मरीज और उसके बेटे से मारपीट की थी. इसके बाद महिला मरीज की मौत भी हो गई. निजी एंबुलेंस संचालक इस बात से खफा थे कि महिला मरीज को अस्पताल से घर जाने के लिए बाहर से साढ़े तीन हजार रुपयों में एंबुलेंस की व्यवस्था करवा दी थी जबकि अस्पताल में मौजूद निजी एंबुलेंस संचालक इसी काम के 8 हजार रुपए मांग रहे थे. जबलपुर की गढ़ा थाना पुलिस भी इस मामले में एफआईआर दर्ज कर आरोपियों को तलाश रही है.


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