Watch: जबलपुर में एम्बुलेंस नहीं मिली तो थैले में छुपा कर ले गया नवजात बेटे का शव, Video Viral
MP News: डिंडोरी बस स्टैंड पर जब अपने नवजात बच्चे का शव थैले में लेकर सुनील बस से उतरा तो देखने वालों की आंखें नम हो गई. कुछ लोगों ने इसका वीडियो भी बना लिया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
Dindori News: मध्य प्रदेश में दम तोड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था से जुड़ी ऐसी तस्वीरें अक्सर सामने आती है,जो किसी भी संवेदनशील व्यक्ति को रुला दे. ताजा मामला जबलपुर जिले का है,जहां एक आदिवासी युवक को शव वाहन न मिलने पर अपने नवजात बच्चे का शव थैले में छिपाकर गृह नगर डिंडोरी ले जाना पड़ा.अब थैले में बच्चे के शव के साथ डिंडोरी बस स्टैंड से बाहर निकलते आदिवासी युवक का युवक वीडियो वायरल हो रहा है.
मध्य प्रदेश के आदिवासी जिले डिंडौरी के सहजपुरी निवासी सुनील धुर्वे ने बताया कि उनकी पत्नी जमनी बाई की 13 जून को जिला अस्पताल में डिलीवरी हुई थी.उसने बेटे को जन्म दिया था लेकिन नवजात शिशु शारीरिक रूप से कमजोर था.14 जून को जिला अस्पताल के डॉक्टर ने उसे जबलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया.इसके बाद सुनील धुर्वे अपने नवजात शिशु को लेकर जबलपुर मेडिकल कॉलेज पहुंचा और उसे इलाज के लिए भर्ती करा दिया.
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने वाहन देने से मना कर दिया
सुनील ने बताया कि जबलपुर में 15 जून को इलाज के दौरान उसके नवजात बेटे की मौत हो गई. इसके बाद इसे अपने नवजात बच्चे के शव को वापस डिंडौरी लेकर आना था. उसने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से शव वाहन उपलब्ध कराने का निवेदन किया,लेकिन उन्होंने मना कर दिया. इसके बाद सुनील ने अपने नवजात बेटे का शव थैले में रखा और जबलपुर के बस स्टैंड पहुंचा. यहां से वह बस में सवार होकर डिंडौरी पहुंचा. बेटे की मौत से दुखी सुनील का दिल रास्ते भर रोता रहा, लेकिन उसने आंसू नहीं आने दिए. उसने कहा कि वह दिल पर पत्थर रखकर बस में बैठा रहा, क्योंकि बस वालों को पता चलता तो उसे उतार सकता था.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा ये बात
डिंडोरी बस स्टैंड पर जब अपने नवजात बच्चे का शव थैले में लेकर सुनील बस से उतरा तो देखने वालों की आंखें नम हो गई. कुछ लोगों ने इसका वीडियो भी बना लिया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस मामले में राज्य की स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि स्वास्थ्य विभाग घायल या बीमार व्यक्ति को एंबुलेंस उपलब्ध कराता है. शव वाहन देने की जिम्मेदारी स्थानीय नगर निगम प्रशासन की है. इस बारे में जानकारी लेने के लिए हमने जबलपुर मेडिकल कालेज की डीन डॉ गीता गुईन को फोन लगाया लेकिन उनका फोन नहीं उठा.
ये भी पढ़ें: Morena Accident: मुरैना से दिल्ली जा रही बस हादसे का शिकार, 3 की मौके पर मौत, 10 से अधिक घायल