Madhya prdaesh News: जबलपुर में स्टाम्प चोरी में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने शहर के नामी बिल्डर शंकर मच्छानी, अमित धवन, किशोर कुमार बुधवानी और मनोज कुमार के साथ जबलपुर विकास प्राधिकरण  (जेडीए) के तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है. इनके खिलाफ धारा 420, 120बी आदि के तहत मामला दर्ज किया गया है. ईओडब्ल्यू के डीएसपी मंजीत सिंह के अनुसार जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपियों और तत्कालीन अफसरों की मिलीभगत से जेडीए की विभिन्न योजनाओं में भूमि आवंटन के मामले में करीब डेढ़ करोड़ की स्टाम्प ड्यूटी चोरी की गई. इनके द्वारा शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है.


इनके खिलाफ शिकायत
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों के अनुसार अधिवक्ता मुकेश जैन द्वारा आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ मुख्यालय भोपाल में स्टाम्प ड्यूटी चोरी कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाए जाने संबंधी शिकायत दर्ज कराई गई थी. शिकायत की जांच उप पुलिस अधीक्षक मनजीत सिंह द्वारा की गई. जांच में पाया गया कि जेडीए की योजना क्रमांक 11-एफ के अंतर्गत आरक्षित भू-खंड 7240 वर्गमीटर, योजना क्रमांक 11-सी में 8530 वर्गमीटर व योजना क्रमांक 16 मुस्कान सिटी, योजना क्रमांक 14 मुस्कान गोल्ड के अंतर्गत आरक्षित भू-खंड 16650 वर्गमीटर का आवंटन श्रीजी प्रमोटर एंड डेवलपर्स, ओएसिस बिल्टमार्ट प्रायवेट लिमिटेड और मेसर्स कृष्णा बिल्डर्स एंड डेवलपर्स को किया गया था.


करोड़ों की स्टाम्प चोरी
इनके द्वारा कुल 23 करोड़ 30 लाख 83 हजार रुपये निर्माण और विकास कार्य हेतु प्रीमियम राशि सिर्फ एक हजार रुपये के स्टाम्प पर जमा कराई गई थी. अपर्याप्त राशि के स्टाम्प अनुबंध से करीब 1 करोड़ 49 लाख 58 हजार रुपये की स्टाम्प शुल्क की चोरी किया जाना उजागर होने पर सभी आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है. जांच में पाया गया कि बिल्डरों द्वारा जेडीए से किए गए अनुबंध में 1 हजार का स्टाम्प लगाया गया था, जोकि एग्रीमेंट के हिसाब से काफी कम था. धोखाधड़ी की नीयत से कम राशि के स्टाम्प लेकर अनुबंध कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई. यह सब जेडीए की मिलीभगत के चलते हुआ.


आगे की जांच शुरू
सूत्रों के अनुसार स्टाम्प ड्यूटी की चोरी उजागर होने के बाद मेसर्स कृष्णा बिल्डर्स एंड डेवलपर्स के डायरेक्टर शंकर मच्छानी, श्रीजी प्रमोटर्स के डायरेक्टर अमित धवन फरीदाबाद, वर्तमान डायरेक्टर किशोर कुमार बुधवानी और ओएसिस बिल्टमार्ट के डायरेक्टर मनोज कुमार निवासी नोएडा से राशि जमा करने के लिए कहा गया था, लेकिन इनके द्वारा राशि जमा नहीं कराई गई.यह बात भी सामने आई कि जेडीए के तत्कालीन अधिकारियों ने सब कुछ जानकर भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया. इसमें जेडीए के कौन-कौन से तत्कालीन अधिकारी-कर्मचारी शामिल रहे? इसकी भी पड़ताल की जा रही है.



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