MP News: मध्य प्रदेश में चर्चित नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े में हाईकोर्ट में हुई फजीहत के बाद सरकार एक्शन के मोड़ में आ गई है. डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन की तत्काल पेशी और हाई कोर्ट की सख्ती के बाद शुक्रवार (14 जुलाई) देर रात सरकार ने नर्सिंग काउंसिल की विवादित पूर्व रजिस्ट्रार सुनीता शिजू का तबादला दतिया मेडिकल कॉलेज कर दिया गया. इसके साथ ही 5 दिन पहले ही नर्सिंग काउंसिल में रजिस्ट्रार बनी स्टेला पीटर को भी वापस जबलपुर नर्सिंग कॉलेज भेज दिया गया.
कहा जा रहा है कि सरकार पर हाई कोर्ट के आदेश की नाफरमानी के गंभीर आरोपों के बाद नर्सिंग फर्जीवाड़े में रातों-रात यह कार्यवाही की गई है. नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े के मामले की सुनवाई के दौरान बुधवार (14 जुलाई ) को हाईकोर्ट ने डीएमई को चार घंटे में तलब किया तो सरकार सकते में आ गई. लगातार तीन दिन तक हुई सुनवाई में कोर्ट के सवालों का संतोषजनक जवाब सरकार नहीं दे सकी.
डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन ने कोर्ट को दिया आश्वासन
यहां बता दे कि इस मामले में शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान वर्ष 2021-22 में प्रदेश के कई अपात्र कॉलेजों को मान्यता देने के आरोप में फंसी मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल की पूर्व रजिस्ट्रार सुनीता शिजू के खिलाफ कार्रवाई में देरी करने पर डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन (डीएमई) अरुण श्रीवास्तव ने माफी मांगी. उन्होंने कोर्ट को आश्वासन दिया कि दो सप्ताह के भीतर उचित कार्रवाई कर दी जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व रजिस्ट्रार को भोपाल या इंदौर की बजाय कहीं अन्यत्र पदस्थापन दी जाएगी.चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने डीएमई की अंडरटेकिंग को रिकॉर्ड पर लेते हुए मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद नियत की है.
कोर्ट ने नाराजगी भरे लहजे में सरकार से पूछा
मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नाराजगी भरे लहजे में सरकार से पूछा कि जब अगस्त 2022 में हाई कोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल में रजिस्ट्रार को हटाकर प्रशासक की नियुक्ति की थी तो सरकार ने बिना अनुमति नई रजिस्ट्रार की नियुक्ति क्यों की? इसके बाद सरकार ने आश्वासन दिया कि दो सप्ताह के भीतर नई रजिस्ट्रार को हटा दिया जाएगा. सरकार ने वर्तमान प्रशासक डॉ. योगेश शर्मा के स्थान पर नए प्रशासक की नियुक्ति की अनुमति मांगी. कोर्ट ने सरकार को इसके लिए स्वतंत्र किया.
कोर्ट ने जवाब पेश करने कहा
याचिकाकर्ता लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ता आलोक बागरेचा एवं दीपक तिवारी ने ओपन कोर्ट में नोटशीट और दस्तावेज पेश करते हुए बताया कि पूर्व रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को निलंबन के पश्चात विदिशा तबादला होते ही वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया. बाद में एक दिन में आदेश बदलकर उन्हें सतपुड़ा भवन,भोपाल में पदस्थ कर दिया गया. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दस्तावेजों को रिकॉर्ड पर पेश करने और सरकार को इस संबंध में जवाब पेश करने कहा है. सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता आशीष आनंद बर्नार्ड और नर्सिंग काउंसिल की ओर से अधिवक्ता अभिजीत अवस्थी उपस्थित हुए.
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