MP News: मध्य प्रदेश के निजी कॉलेजों (MP Private Colleges) में छात्र छात्राओं से मनमानी फीस वसूली (Arbitrary Fees Charging) का मामला जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) पहुंच गया है. दायर जनहित याचिका (Public Interest Litigation) पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार (MP government) और उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.


याचिका जबलपुर में न्यू एजुकेशन सोसायटी लॉ कॉलेज के छात्र सतीश विश्वकर्मा की ओर से दायर की गई है. याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य सरकार और स्कूल शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को केवल ट्यूशन फीस वसूली का निर्देश दिया है, ठीक उसी तरह निजी कॉलेजों को भी केवल ट्यूशन फीस वसूली के निर्देश दिए जाने चाहिए.


हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, उच्च शिक्षा विभाग से मांगा 4 हफ्ते में जवाब


हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने कहा कि जबलपुर के निजी लॉ कॉलेज छात्र-छात्राओं से मनमानी फीस वसूली कर रहे हैं जबकि पिछले 2 वर्षों से कॉलेज केवल ऑनलाइन पढ़ाई ही करा रहे हैं. यही हालात मध्यप्रदेश के बाकी प्राइवेट कॉलेजों का भी बना हुआ है. ये छात्र छात्राओं की मजबूरी का फायदा उठाकर मनमानी फीस वसूली कर रहे हैं. ऐसे में अभिभावक कॉलेजों की फीस भरने में असमर्थ हैं. लिहाजा मध्य प्रदेश में प्राइवेट कॉलेजों को भी केवल ट्यूशन फीस वसूलने के निर्देश जारी होना चाहिए. हाईकोर्ट ने जनहित याचिका में उठाए गए मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार, उच्च शिक्षा विभाग के डायरेक्टर, जबलपुर कलेक्टर और न्यू एजुकेशन सोसायटी लॉ कॉलेज को नोटिस जारी करते हुए 4 हफ्ते में जवाब मांगा है.


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