Jabalpur News Today: स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर के पिछड़ने की वजह नगर निगम कमिश्नर ने ढूंढ ली है. दरअसल, सफाई का काम करने वाली समितियां नगर निगम से पैसा तो पूरा लेती थीं, लेकिन सफाई कर्मचारियों की संख्या निर्धारित से कम रखती थी. इस फर्जीवाड़े को पकड़ते हुए नगर निगम जबलपुर की कमिश्नर प्रीति यादव ने तीन समितियां पर 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
नगर निगम आयुक्त द्वारा दिए गए सख्त निर्देश
कमिश्नर प्रीति यादव ने दोषी समितियों को चेतावनी दी है कि सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो उनका ठेका निरस्त कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि नगर निगम ने सफाई कार्य में लापरवाही करने पर तीन सफाई समितियों पर 7 लाख 9 हजार 551 रुपए की पेनल्टी लगाई है. यह कार्रवाई निर्धारित संख्या से कम सफाईकर्मियों को लगाने पर की गई है.
जारी है उच्च स्तरीय मॉनिटरिंग
कमिश्नर प्रीति यादव ने बताया कि 1 से 7 मार्च तक सफाई समितियों द्वारा लगाए जा रहे सफाईकर्मियों की जांच कराई गई. इसमें पाया गया कि तीन सफाई समितियां निर्धारित संख्या से कम सफाईकर्मियों से काम करा रही हैं. जांच के बाद आर. प्रियांशी कंपनी एंड फैसिलिटी पर 4 लाख 17 हजार 828, बर्फानी सिक्योरिटी सर्विस नेपियर टाउन पर 2 लाख 76 हजार 590 रुपए और अल्ट्रा क्लीन एंड केयर सर्विसेस पर 15 हजार 133 रुपए की पेनल्टी लगाई गई.
कमिश्नर ने बताया कि शहर की सफाई व्यवस्था की नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जा रही है. इसके साथ ही सफाई समितियों के कर्मियों की गिनती भी की जा रही है. शहर में सफाई कार्यों से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा.
शामिल थे ऊपर से नीचे के कर्मचारी
बता दें कि इसके पहले 27 जनवरी 2024 को भी नगर निगम कमिश्नर प्रीति यादव इन तीनों सफाई समितियों पर 13 लाख रुपये का जुर्माना लगा चुकी हैं. इसके बाद ही इन समितियों द्वारा सफाई कार्यों में मनमानी करके नगर निगम को लाखों का चूना लगाया जा रहा था. नगर निगम सूत्र ने बताया कि सफाई कर्मचारियों की संख्या में कमी करके उनकी फर्जी हाजिरी का पैसा नीचे से ऊपर तक बांटा जाता है.
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