Jabalpur: रोप-वे ट्रांसपोर्ट वाला देश का दूसरा शहर बनेगा जबलपुर, 14 लाख लोगों को मिलेगा फायदा
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने शहर में यातायात के दबाव को कम करने के लिए जबलपुर स्टेशन से एम्पायर टॉकीज, कटंगा, साउथ एवेन्यू मॉल होते हुए नर्मदा पर ग्वारीघाट-गुरुद्वारा तक रोप-वे की मंजूरी दी.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश का जबलपुर (jabalpur) देश का दूसरा शहर होगा जहां शहरी यातायात (City Transport) के लिये रोप-वे का इस्तेमाल किया जाएगा. इसकी घोषणा केंद्रीय भूतल परिवहन और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने की है. बोलेविया, मैक्सिको और वाराणसी के बाद जबलपुर रोप-वे सिटी ट्रांसपोर्ट शुरू करने वाला चौथा शहर बनेगा. इससे शहर की तकरीबन चौदह लाख की आबादी को लाभ मिलेगा.
गडगरी ने रिंग रोड का किया भूमि पूजन
बता दें कि शहर में प्रदेश की सबसे लंबी और देश की दूसरे नंबर की रिंग रोड और प्रदेश के सबसे लंबे फ्लाईओवर का भी निर्माण हो रहा है. इसी फ्लाईओवर के एक्सटेंशन और प्रदेश की सबसे लंबी 112 किलोमीटर की रिंग रोड का भूमि-पूजन सोमवार को केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जबलपुर में किया. इसके साथ ही उन्होंने शहर को कई अन्य सौगातें भी दीं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण दो रोप-वे बनाने की घोषणा है.
इन जगहों पर होगी सुविधा
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने शहर में यातायात के दबाव को कम करने के लिए जबलपुर स्टेशन से एम्पायर टॉकीज, कटंगा, साउथ एवेन्यू मॉल होते हुए नर्मदा पर ग्वारीघाट-गुरुद्वारा तक रोप-वे की मंजूरी दी. साथ ही सिविक सेंटर से मालवीय चौक, लार्डगंज, बड़ा फुहारा, बल्देवबाग तक रोप-वे की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार होते ही इसे भी स्वीकृति देने की बात कही. यहां बता दें कि इसके पहले देश मे पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी में रोप-वे का इस्तेमाल शहरी परिवहन के लिए करने के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई थी.
वाराणसी में देश का पहला रोप-वे
इससे वाराणसी दुनिया का ऐसा तीसरा शहर बनने जा रहा है, जहां रोप-वे का इस्तेमाल शहरी परिवहन के लिए किया जाना है. इसी कड़ी में अब जबलपुर का नाम भी जुड़ जाएगा. यहां देश के दूसरे और दुनिया के चौथे रोपवे सिटी ट्रांसपोर्ट सिस्टम की शुरुआत होगी. माना जा रहा है कि वाराणसी में करीब 424 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित इस प्रोजेक्ट के तैयार होते ही सबसे भीड़भाड़ वाले इलाके से गुजरना सुगम हो जाएगा. सबसे बड़ी बात ये है कि एक बार प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद यह सेवा रात में भी उपलब्ध रहेगी. इससे जुड़े स्टेशनों पर पहुंचते ही पर्यटकों या स्थानीय निवासियों को बनारस की हर झलक दिखाई पड़ेगी.
पहले फेज में 8-10 स्टेशन होंगे
वाराणसी में रोप-वे से 4.2 किलोमीटर की दूरी तय की जा सकेगी और उम्मीद है कि इससे टूरिस्ट और स्थानीय लोगों का समय और पैसा दोनों बचेगा. साथ ही साथ ट्रैफिक जाम की समस्या से भी छुटकारा मिल जाएगा. अभी जबलपुर के रोपवे सिटी ट्रांसपोर्ट की डिटेल प्रोजेक्ट की जानकारी नहीं है. माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के काम करने के तौर तरीके से जाहिर है कि यह प्रोजेक्ट जल्द धरातल पर उतरेगा. अनुमान है कि पहले फेज के रोपवे की लंबाई लगभग दस किलोमीटर होगी और इसमें 8 से 10 स्टेशन हो सकते है.