Juna Akhara Parishad Protest: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (Ujjain) में नगर निगम (Municipal Corporation) के एक ठेकेदार द्वारा जूना अखाड़े (Juna Akhara) की जमीन पर सीवर लाइन (Sewer Line) डालने को लेकर की गई खुदाई से संत नाराज हैं. अखाड़ा परिषद के साधु-संतों ने इस विरोध में प्रदर्शन किया. उन्होंने इस दौरान अधिकारियों को भी खरी-खोटी सुनाई. साधु संतों ने बिना अनुमति खुदाई करने वाले ठेकेदार को अल्टीमेटम दिया है.


क्या है पूरा मामला


उज्जैन शहर से निकलने वाले गंदे पानी को शिप्रा नदी में जाने से रोकने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा रहा है. इसके अलावा नदी के पास से बाईपास लाइन भी डाली जा रही है. नगर निगम की ओर से इस पूरे काम के लिए ठेका दिया गया है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र गिरी महाराज ने बताया कि यह ठेका टाटा कंपनी को दिया गया है. टाटा कंपनी ने बिना अनुमति के जूना अखाड़े की जमीन की खुदाई कर दी. इससे हादसे का डर भी बना हुआ था. इसी के चलते अखाड़ा परिषद ने जेसीबी मशीन लगाकर खोदे गए गड्ढे को भरना शुरू करवा दिया है. 


साधु-संत इस बात से भी नाराज हैं कि किसी भी अधिकारी ने खुदाई के संबंध में उनसे बातचीत नहीं की. अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि महाराज ने बताया कि अधिकारियों से पूरे मामले की शिकायत की गई है. 


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साधु-संतों ने अधिकारियों को क्या बताया


साधु संतों के आक्रोश की खबर सुनने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने नगर निगम के अपर आयुक्त आदित्य नागर को मौके पर भेजा. अपर आयुक्त ने चर्चा के दौरान बताया कि साधु संतों ने खुदाई को लेकर आपत्ति जताई है. इस मामले को लेकर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है. प्रशासनिक अधिकारियों और साधु-संत आपस में बैठकर पूरे मामले को लेकर फैसला करेंगे. शिप्रा नदी में दूषित जल रोकने के लिए यह योजना बनाई गई थी, जिसे अमलीजामा पहनाने के लिए टाटा कंपनी को जिम्मेदारी दी गई है. साधु-संतों की शिकायत के बाद इस प्रोजेक्ट से निजी कंपनी के एक अधिकारी को हटा दिया गया है.


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