Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में चुनावी साल में शिवराज सरकार के मंत्रियों के आपसी कलह की खबरें चर्चाओं में हैं. दरअसल ऐसी खबरें आ रहीं थी कि प्रदेश के सागर जिले में बीजेपी की आपसी गुटबाजी चरम पर है और स्थानीय विधायकों ने पार्टी से इस्तीफे की चेतावनी दी है. आइए जानते हैं इस तरह की खबरों की क्या सच्चाई है.
 
दरअसल, शिवराज सरकार के सबसे वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव के साथ राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत और सागर जिले के विधायकों ने सीएम और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की. इस मुलाकात को लेकर कहा गया कि दोनों मंत्रियों ने नगरीय आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह की शिकायतें की और इस्तीफा तक देने की बात कही. आज सुबह से जैसे ही ये खबरे आई तो बीजेपी में हड़कंप मच गया. नेता सफाई देने में जुट गए.


'भ्रामक तरीके से प्रचारित की चर्चा'
सागर जिले की रहली विधानसभा से लगातार आठ बार चुनाव जीतने वाले पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव का इस मामले में सफाई देते हुए कहा, "मेरी सीएम और संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों से कल मंगलवार को चर्चा हुई थी, जिसमें संगठन और ऐसी सीटें जहां बीजेपी के विधायक नहीं हैं, वहां कैसे जीतें, इस पर चर्चा हुई. आज मीडिया ने इसको भ्रामक रूप से छापा."


'मैं 1980 से बीजेपी में हूं'
उन्होंने कहा कि में सन 1980 से बीजेपी में हूं और लगातार पार्टी की सेवा करता आ रहा हूं. बीजेपी में मंत्री, विधायक या नेताओं में मतभेद नहीं है. आने वाले लोकसभा और विधानसभा में बीजेपी चुनाव जीतेगी और बहुमत हासिल करेगी. 


सीएम शिवराज से की थी मुलाकात 
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक सीएम शिवराज सिंह चौहान से मिलने वालो में पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव, सिंधिया समर्थक राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत, सागर के जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया, एमएलए शैलेंद्र जैन और एमएलए प्रदीप लारिया शामिल थे. खास बात यह है कि तीनों मंत्री और विधायक सागर जिले के हैं. इनकी मंत्री भूपेंद्र सिंह को लेकर शिकायत है कि बीजेपी के अंदर राजनीतिक विरोधियों और टिकिट के दावेदारों को मंत्री भूपेंद्र सिंह आसरा दिए हैं.  ज्यादातर विरोधी नेता मंत्री भूपेंद्र सिंह के खेमे से आते हैं.


ये भी पढ़ें


MP Politics: मध्य प्रदेश में मंत्रियों के रार पर सियासत तेज, ट्विटर पर CM शिवराज और कांग्रेस आमने-सामने