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Karni Sena Protest: चुनावी राज्य MP में करणी सेना ने BJP के खिलाफ खोला मोर्चा, राजपूत समाज को दिलाई ये कसम 

21 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे करणी सेना के मध्य प्रदेश अध्यक्ष ने समाज को संबोधित कर कहा कि हमारे मरने के बाद एक कसम जरूर खाना कि जिंदगी भर भाजपा को वोट मत देना, क्योंकि यह तानाशाह सरकार है.

Karni Sena in MP: चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में करणी सेना ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. 21 सूत्रीय मांगों को लेकर करणी सेना परिवार के आंदोलन का मंगलवार को तीसरा दिन रहा. तीसरे करणी सेना परिवार के प्रदेश अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर ने धरना स्थल पर ही राजपूतों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हम भूख हड़ताल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ज्दाया से ज्यादा क्या होगा, आठ दिन दस दिन, 15 दिन, एक महीना. महीने बाद तो जान जाएगी ही. सरकार को उसके बाद समझ में आएगा.

एक बात याद रखना यदि हम मर भी जाए तो भी उग्र आंदोलन मत करना, क्योंकि हम परिवर्तन लाने के लिए आए हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे मरने के बाद एक कसम जरूर खाना कि जिंदगी भर भाजपा को वोट मत देना, क्योंकि यह तानाशाह सरकार है. उन्होंने कहा कि अगर मैं मर जाऊं तो इसके बाद ऐसा न हो कि लाश लेकर निकल जाओ और तोड़-फोड़ करने लग जाओ. उन्होंने लोगों से अपील की कि मेरे मरने के बाद भी इस आंदोलन को जीवित रखना है.

यदि आपको लगता है कि जीवन सिंह मरने के बाद भी जिंदा रहना चाहिए तो शांतिपूर्ण तरीके से यहां बैठकर धरना प्रदर्शन करना. धरने से मत उठना, जो मरेगा उसकी लाश ले जाई जाएगी या जंबूरी मैदान में ही जलाई जाएगी पर तुम लोगों को यहीं बैठना है, उग्र प्रदर्शन नहीं करना है. क्योंकि यह व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई है. उसके लिए बहुत कुर्बानियां देनी पड़ेगी. यदि एक कुर्बानी से पीछे हट गए, डर तो गए या आक्रोशित होकर तोड़-फोड़ कर दी तो आपका आंदोलन उसी दिन समाप्त हो जाएगा और आपने जिंदगी भर की मेहनत बेकार हो जाएगी. 

मोबाइल टॉर्च जलाकर किया प्रदर्शन
बता दें कि करणी सेना परिवार के शक्ति प्रदर्शन के दूसरे दिन सोमवार को करणी सेना परिवार द्वारा भेल चौराहा से पुलिस प्रशासन द्वारा आगे नहीं बढ़ने दिया तो करणी सेना परिवार के सदस्यों ने यही पर मोबाइल की टार्च जलाकर विरोध प्रदर्शन किया था. भेल चौराहा एडिशनल डीसीपी राजेश भदौरिया ने करणी सेना परिवार के सदस्यों से बात की और कहा कि प्रॉपर अनुमति लेकर प्रदर्शन करें. अभी एक दिवसीय कार्यक्रम की अनुमति थी, जो अनुमति थी वो कल खत्म हो चुकी है. इससे नाराज करणी सेना परिवार के सदस्यों ने भेल चौराहा पर ही धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया. करणी सेना परिवार के सदस्यों ने शाम भेल चौराहे पर अपने मोबाइल की टार्च जलाकर विरोध प्रदर्शन किया था.

 

ये हैं करणी सेना परिवार की 21 मांगें
1. आरक्षण का आधार आर्थिक किया जाए, ताकि समाज के हर वर्ग के गरीबों को आरक्षण का लाभ मिल सके. एक बार आरक्षण मिलने पर दोबारा आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाए.
2. एससी, एसटी एक्ट में बिना जांच के गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए.
3. एससी, एसटी एक्ट की तर्ज पर सामान्य-पिछड़ा वर्ग एक्ट बने, जो सामान्य-पिछड़ा वर्ग के हितों की रक्षा करे व कानूनी सहायता प्रदान करें.
4. ईडब्ल्यूएस आरक्षण में भूमि व मकान की बाध्यता समाप्त कर आठ लाख की वार्षिक आय को ही आधार मानकर आरक्षण का लाभ दिया जाए. सभी भर्तियों में ईडब्ल्यूएस के छात्रों को उम्र सीमा में छूट एवं छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाए..
5. वर्तमान में प्रक्रियाधीन शिक्षक भर्ती वर्ष 2018 में प्रथम काउंसलिंग के पश्चात शेष बचे हुए ईडब्ल्यूएस वर्ग के समस्त पदों को द्वितीय काउंसलिंग या शिक्षा विभाग की वर्तमान नियोजन प्रक्रिया में समस्त पदों के साथ ईडब्ल्यूएस वर्ग के पात्र अभ्यर्थियों से भरा जाए. ईडब्ल्यूएस के रिक्त पदों को उसी वर्ग से भरा जाए.
6. प्राथमिक शिक्षक भर्ती वर्ग 3 के पदों में 51 हजार पदों पर न्याय संगत रोस्टर के साथ भर्ती की जाए और माध्यमिक शिक्षक वर्ग 2 के वंचित विषयों जैसे मातृभाषा हिन्दी, सा. विज्ञान, विज्ञान के विषय के पदों में वृद्धि की जाए. 
7. भर्ती कानून बनाए जाए (प्रत्येक वर्ष नियमित भर्ती निकाली जाए) व्यापम के एक लाख पदों एसआई, पटवारी, अन्य विभागों में शीघ्र भर्ती की जाए एवं भर्ती नहीं होने पर बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाए.
8. एमपीपीएससी की 2019, 20,21 की भर्तियां संवैधानिक रूप से पूर्ण की जाए और ओबीसी आरक्षण का मुद्दा हल किया जाए.
9. केन्द्र और राज्य की आने वाले सभी भर्तियों में सभी वर्गों को तीन वर्ष की अतिरिक्त छूट दी जाए. राज्य सरकार द्वारा दी गई तीन वर्ष की छूट की समय अवधि एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष की जाए.
10. अतिथि शिक्षकों, रोजगार सहायकों व कोरोना काल में सेवा देने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को नियमित नियुक्ति प्रदान की जाए. 
11. किसानों के हित में स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाए, ताकि किसानों को उपज का सही मूल्य मिल सके और रासायनिक खादों की बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाया जाए. रोजड़ा (घोड़ा रोज) से प्रदेश के कई क्षेत्रों के किसान परेशान हैं, इससे निजात दिलाने के लिए उचित कार्य योजना बनाई जाएं.
12. खाद्यान्न (रोजमर्रा की चीजें) को जीएसटी से मुक्त किया जाए तथा बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाई जाए.
13. क्षत्रिय महापुरुषों के इतिहास में छेड़छाड़ को तुरंत रोका जाए, इतिहास संरक्षण समिति बने, ताकि समाज में आपसी सामंजस्य बना रहे.
14. सवर्ण आयोग की कार्यप्रणाली में सुधार कर उसे क्रियाशील बनाया जाए.
15. राज्य कर्मचारी आयोग की वे सिफारिशें जिसमें कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष करने को कहा गया है, किसी भी परिस्थिति में अब कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु नहीं बढ़ाई जाए.
16. गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिया जाए व सरकार गौशालाओं के स्तर में सुधार करें एवं गोबर व गौमूत्र को सरकारी स्तर पर खरीदने की व्यवस्था करें, ताकि गौ-पालन से रोजगार के अवसर भी बढ़े.
17. पद्मावत फिल्म के विरोध में दर्ज प्रकरण वापस लिए जाएं.
18. मप्र की भर्तियों में यहां के युवाओं को प्राथमिकता दी जाए अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों का कोटा सीमित हो.
19. कर्मचारियों को दी जा रही पदोन्नति के साथ उन्हें उसके साथ अधिकार व सुविधा भी दी जाए. कर्मचारियों की पेंशन पुनः: चालू की जाए.
20. पुलिस विभाग में आरक्षकों की वेतन विसंगति को दूर कर 2400 ग्रेड पे लागू की जाए.
21. सरकारी स्कूलों की कार्यप्रणाली में सुधार कर शिक्षा का स्तर प्राइवेट स्कूलों की भांति किया जाए, ताकि छात्र प्राइवेट स्कूलों की तरफ न भागे और प्राइवेट स्कूलों की फीस पर नियंत्रण रखने हेतु एक कमेटी बनाई जाए.

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