Karni Sena Protest in MP: अपनी 21 सूत्रीय मांगों को लेकर आज राजधानी भोपाल के जंबूरी मैदान में करणी सेना परिवार का बड़ा शक्ति प्रदर्शन आयोजित किया गया. करणी सेना परिवार के प्रदेश अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर के नेतृत्व में आयोजित इस शक्ति प्रदर्शन के दौरान भोपाल का जंबूरी मैदान खचाखच भरा नजर आया. इस दौरान करणी सेना परिवार के प्रदेश अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर ने एबीपी न्यूज से खास चर्चा की. उन्होंने कहा कि यह रिकॉर्ड देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी अपने नाम दर्ज नहीं कर सके जो करणी सेना परिवार ने कर दिया. 


'हमने जो किया वह मोदी जी भी नहीं कर पाए'


करणी सेना परिवार के प्रदेश अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर ने बताया कि हमारी 21 सूत्रीय मांगों को लेकर हम लगातार संघर्षरत हैं. हम पिछले सात महीनों से आंदोलन की तैयारियां कर रहे थे. आज वह दिन आया है जब सारे स्वाभिमानी भोपाल के जंबूरी मैदान में एकत्रित हुए हैं. जंबूरी मैदान को भरने का रिकार्ड प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी नहीं कर पाए और न ही कोई राष्ट्रीय पार्टी कर पाई है. आज यह मैदान खचाखच भर चुका है.


चारों साइड लोग ही लोग हैं. मैं आपके चैनल के माध्यम से बताना चाहता हूं कि हमारी 21 सूत्रीय मांगे हैं, इसमें सबसे पहले आर्थिक आधार पर आरक्षण है. इससे अलावा एट्रेसिटी एक्ट में परिवर्तन हो, किसानों की समस्याओं के नियत भाव तय हों, मध्य प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की भांति ही सरकारी स्कूलों की व्यवस्था हो, अतिथि शिक्षकों को स्थायी किया जाए, रोजगार सहायकों को स्थायी किया जाए, संविदा शिक्षकों को स्थायी किया जाए, कोरोना में जिन्होंने अपनी सेवाएं दी उन्हें स्थायी किया जाए, हमारी ये सभी मांगें हैं. 


बताएंगे क्या कर सकते हैं माई के लाल
करण सेना परिवार के प्रदेश अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर ने चर्चा में बताया कि हमारी लड़ाई सत्ता परिवर्तन की नहीं है. कल भी हमारी लड़ाई सत्ता परिवर्तन की नहीं थी, आज भी नहीं है. यह लड़ाई व्यवस्था परिवर्तन की है. हम चाहते हैं कि हमारी व्यवस्थाएं सुधारी जाएं.


यदि सरकार व्यवस्था परिवर्तन नहीं करती है तो सत्ता परिवर्तन के लिए तैयार रहे. उन्होंने कहा कि हम अपने वचनों से पीछे नहीं हटेंगे. यदि हमारी बातें नहीं मानीं तो हम 2023 की चुनावी रणभूमि में उतरेंगे, इनको बताएंगे कि ये माई के लाल क्या कर सकते हैं. सीएम हाउस पर आयोजित सर्वण समाज के सम्मेलन को लेकर शेरसिंह ने बोला कि वह सरकार का संगठन था. सरकार ने ही बुलाया था.
 
करणी सेना परिवार की 21 मांगें
1. आरक्षण आर्थिक आधार पर दिया जाए, ताकि समाज के हर वर्ग के गरीबों को आरक्षण का लाभ मिल सके. एक बार आरक्षण मिलने पर दोबारा आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाए.


2. एससी, एसटी एक्ट में बिना जांच के गिरफ्तारी पर रोक लगे.


3. एससी, एसटी एक्ट की तर्ज पर सामान्य-पिछड़ा वर्ग एक्ट बने जो सामान्य-पिछड़ा वर्ग के हितों की रक्षा करे व कानूनी सहायता प्रदान करे.


4. ईडब्ल्यूएस आरक्षण में भूमि व मकान की बाध्यता समाप्त कर आठ लाख की वार्षिक आय को ही आधार मानकर आरक्षण का लाभ दिया जाए. सभी भर्तियों में ईडब्ल्यूएस के छात्रों को उम्र सीमा में छूट एवं छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाए.


5. वर्तमान में प्रक्रियाधीन शिक्षक भर्ती वर्ष 2018 में प्रथम काउंसलिंग के पश्चात शेष बचे हुए ईडब्ल्यूएस वर्ग के समस्त पदों को द्वितीय काउंसलिंग या शिक्षा विभाग की वर्तमान नियोजन प्रक्रिया में समस्त पदों के साथ ईडब्ल्यूएस वर्ग के पात्र अभ्यार्थियों से भरा जाए. ईडब्ल्यूएस के रिक्त पदों को इसी वर्ग से भरा जाए.


6. प्राथमिक शिक्षक भर्ती वर्ग 3 के पदों में 51 हजार पदों पर न्याय संगत रोस्टर के साथ भर्ती की जाए व माध्यमिक शिक्षक वर्ग 2 के वंचित विषयों जैसे मातृभाषा हिन्दी, सामान्य विज्ञान, विज्ञान के विषय में पदों में वृद्धि की जाए.
 
7. भर्ती कानून बनाए जाएं (प्रत्येक वर्ष नियमित भर्ती निकाली जाए) व्यापम के एक लाख पदों एसआई, पटवारी, अन्य विभागों में शीघ्र भर्ती की जाए एवं भर्ती नहीं होने पर बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाए.


8. एमपीपीएससी की 2019, 20, 21 की भर्तियां संवैधानिक रूप से पूर्ण करो व ओबीसी आरक्षण मुद्दा हल करो.


9. केन्द्र और राज्य की आने वाली सभी भर्तियों में सभी वर्गों को तीन वर्ष की अतिरिक्त छूट दी जाए, राज्य सरकार द्वारा दी गई तीन वर्ष की छूट की समयावधि एक वर्ष से बढ़ाकर दो वर्ष की जाए.


10. अतिथि शिक्षकों, रोजगार सहायकों व कोरोना काल में सेवा देने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को नियमित नियुक्ति प्रदान की जाए.
 
11. किसानों के हित में स्वामीनाथन कमेटी सिफारिशों को लागू किया जाए, ताकि किसानों को उपज का सही मूल्य मिल सके व रासायनिक खादों की बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाया जाए. रोजड़ा (घोड़ा रोज) से प्रदेश के कई क्षेत्रों के किसान परेशान हैं, इसमें निजात दिलाने के लिए उचित कार्य योजना बनाई जाएं.


12. खाद्यान्न (रोजमर्रा की चीजें) को जीएसटी से मुक्त किया जाए तथा बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाई जाए.


13. क्षत्रिय महापुरुषों के इतिहास में छेड़छाड़ को तुरंत रोका जाए, इतिहास संरक्षण समिति बने ताकि समाज में आपसी सामंजस्य बना रहे.


14. सवर्ण आयोग की कार्यप्रणाली में सुधारकर उसे क्रियाशील बनाया जाए.


15. राज्य कर्मचारी आयोग की सिफारिश जिसमें कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष करने को कहा गया है, किसी भी परिस्थिति में अब कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु नहीं बढ़ाई जाए.


16. गौमाता को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जाए व सरकार गौशालाओं के स्तर में सुधार किया जाए एवं गोबर व गौमूत्र को सरकारी स्तर पर खरीदने की व्यवस्था की जाए ताकि गौ-पालन से रोजगार के अवसर भी बढ़ें.


17. पद्मावत फिल्म के विरोध में दर्ज प्रकरण वापस लिए जाएं.


18. मप्र की भर्तियों में यहां के युवाओं को प्राथमिकता दी जाए अन्य राज्यों के अभ्यार्थियों का कोटा सीमित हो.


19. कर्मचारियों को दी जा रही पदोन्नति के साथ उन्हें उसके साथ अधिकार व सुविधा भी दी जाएं. कर्मचारियों की पेंशन पुन: चालू की जाए.


20. पुलिस विभाग में आरक्षकों की वेतन विसंगति को दूर कर 2400 ग्रेड पे लागू किया जाए.


21. सरकारी स्कूलों की कार्यप्रणाली में सुधार कर शिक्षा का स्तर प्राइवेट स्कूलों की भांति किया जाए ताकि छात्र प्राइवेट स्कूलों की तरफ ना भागें व प्राइवेट स्कूलों की फीस पर नियंत्रण रखने हेतू एक कमेटी बनाई जाए.


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