Sehore News: मध्य प्रदेश सरकार के अब डेढ़ साल बाकी रह गए हैं. विधानसभा मे उपाध्यक्ष कौन बने. यह अभी तक तय नहीं हो पाया है .इसके चलते उपाध्यक्ष के लिए स्वीकृत स्वेच्छानुदान निधि के एक करोड रु. भी खर्च नहीं हो पा रहे हैं. विधानसभा अध्यक्ष को यह राशि खर्च करने के अधिकार मिले इसके लिए विधानसभा सचिवालय ने वित्त विभाग के पास प्रस्ताव भेजा है ताकि इस राशि से जरूरतमंदों की मदद की जा सके इस वित्तीय वर्ष में अब पूरा एक माह बाकी है वित्त विभाग की मंजूरी नहीं मिलने से इस साल का एक करोड़ रु इस बार भी खर्च नहीं हो पाएगा. मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के पहले तो लंबे समय तक स्थाई अध्यक्ष की तैनाती नहीं हो पाई .रामेश्वर शर्मा ने पोटेशन स्पीकर के रूप में काम करने का रिकॉर्ड कायम किया.
2020 से नहीं चुना गया विधानसभा उपाध्यक्ष
अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में आने वाली ढाई करोड़ की स्वच्छता अनुदान राशि खर्च करने का अधिकार भी वित्त विभाग के प्रोटेम स्पीकर को दिया. अब सरकार का डेढ़ साल का कार्यकाल बचा है. मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार जाने के बाद 23 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाजपा की सरकार में फिर मुख्यमंत्री बने. कांग्रेस सरकार में उपाध्यक्ष रही हिना कावरें ने 24 मार्च 2020 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. तब से ही विधानसभा उपाध्यक्ष की तैनाती नहीं हो पाई थी. क्योंकि कांग्रेस सरकार में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों ही पद कांग्रेस ने अपने पास रखे थे. इसके कारण भाजपा सरकार अभी तक यह तय नहीं कर पा रही है की उपाध्यक्ष का पद कांग्रेस को दिया जाए या खुद रखें.
खर्च नहीं हो पा रही है स्वच्छता अनुदान की राशि
मध्यप्रदेश में विधानसभा उपाध्यक्ष को स्वच्छता अनुदान के रूप में एक करोड रुपए खर्च करने का अधिकार है. लेकिन उपाध्यक्ष नहीं होने के कारण हर साल यह राशि खर्च नहीं हो पा रही है.अब विशेष परिस्थिति में जिस तरह प्रोटेम स्पीकर को अध्यक्ष की स्वच्छता अनुदान राशि खर्च करने के अधिकार मिले थे. उसी तरह विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को उपाध्यक्ष की स्वच्छता अनुदान निधि की.एक करोड़ रुपए खर्च करने का अधिकार देने के लिए विधानसभा सचिवालय ने वित्त विभाग को प्रस्ताव बनाकर भेजा है. लेकिन वित्त विभाग ने अभी तक इसकी अनुमति नहीं दी है इस वित्तीय वर्ष में अब केवल 1 माह बाकी रह गया है. यदि वित्त विभाग अभी भी अनुमति नहीं देता है तो इस साल भी 1 करोड़ रुपए की राशि खर्च नहीं हो पाएगी.
इस पूरे मामले को लेकर जब हमने गिरीश गौतम विधानसभा अध्यक्ष से बातचीत की तो उनका कहना था. विधानसभा उपाध्यक्ष के स्वच्छता अनुदान के एक करोड़ रु. खर्च करने के अधिकार अध्यक्ष को दिए जा सकते हैं इसके लिए विधानसभा सचिवालय की ओर से प्रस्तावित विभाग को भेजा गया है. यदि मंजूरी मिल जाती है तो प्रदेश के काफी जरूरतमंदों की मदद हो सकेंगी.
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