Sehore News: आंगनवाड़ी केंद्रों को गोद लेकर भूल गए लोग, दम तोड़ रहा है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सपना
MP News : सीहोर के बीजेपी विधायक सुदेश राय ने बढ़ियाखेड़ी के पार्टी मुहल्ले की आंगनबाड़ी को गोद लिया था. जब हम वहां पहुंचे तो आंगनबाड़ी तो खुली हुई थी, लेकिन बच्चे नहीं थे.
सीहोर: आंगनबाड़ी केंद्रों की दशा दिशा सुधारने और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए प्रदेश सरकार नए-नए नवाचार कर रही है. लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) की अपील रंग नहीं ला रही है. आंगनबाड़ियों के संचालन में लोग आगे आए तो जरूर थे, लेकिन वो औपचारिकता निभा कर भूल गए हैं.
क्या कहा था मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 5 फरवरी को सीहोर में आयोजित पोषण अभियान में वर्चुअली जुड़कर प्रदेश के लोगों को संबोधित किया था. इस अवसर पर उन्होंने कहा था मध्य प्रदेश से कुपोषण मुक्त करना है. उन्होंने मंत्रियों, विधायकों और अफसरों से एक-एक आंगनबाड़ी केंद्र गोद लेने की अपील की थी. मुख्यमंत्री ने खुद बुधनी विधानसभा के माथार के एक आंगनबाड़ी केंद्र को गोद लिया था. उनके इस कदम के बाद जिलेभर में विधायकों और जनप्रतिनिधियों ने एक-एक आंगनबाड़ियों को गोद लिया था. लेकिन इन लोगों ने जिन आगनबाड़ी केंद्रों को गोद लिया था, इतना समय गुजर जाने के बाद भी वहां आज तक कोई भी नहीं पहुंचा है. कुछ लोगों ने आंगनबाड़ियों गोद लेकर बच्चों के लिए कुर्सी, खिलौने और कपड़े भी वितरित जरूर किए थे.
आंगनवाड़ी केंद्रों का हाल
जब एबीपी न्यूज की टीम गोद लिए आंगनबाड़ी केंद्रों की हकीकत का जायजा लिया. सीहोर के बीजेपी विधायक सुदेश राय ने बढ़ियाखेड़ी के पार्टी मुहल्ले की आंगनबाड़ी को गोद लिया था. जब हम वहां पहुंचे तो आंगनबाड़ी तो खुली हुई थी, लेकिन बच्चे नहीं थे. आनन-फानन में मीडिया के कैमरे देखकर कार्यकर्ता सहायिका आंगनबाड़ी पहुंच गई. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नेहा ने बताया कि विधायक जी एक महीने पहले बच्चों के लिए कुर्सियां, खिलौने और कपडे वितरित करने आए थे. इसके बाद वो नहीं आए हैं, लेकिन फोन पर चर्चा करते रहते हैं और जानकारी लेते रहते हैं.
वहीं इछावर, आष्टा, बुधनी, नसरुल्लागंज क्षेत्र की आंगनबाड़ी केंद्रों का जायजा लिया तो पता चला कि उन्हें गोद लेने वाले जनप्रतिनिधि और अधिकारी वहां नहीं पहुंचे हैं. वो गोद लेने की औपचारिकता निभा कर केंद्रों को भूल गए हैं. अभी आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए जिस तरह से मुख्यमंत्री हाथ ठेला लेकर भोपाल में निकले और बच्चों के लिए खिलौने जुटाए, उसका असर जिले में नहीं दिख रहा है.
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