Indore Forest Area: देश में पड़ रही भीषण गर्मी से इंसान ही नहीं बल्कि जानवर भी परेशान हो गए हैं. यही कारण है कि इंदौर वनक्षेत्र रेंज में गर्मी के कारण खाने और पानी की तलाश में जंगली जानवर भटकर इंसानी बस्तियों में आने लगे हैं. बीते तीन महीनों में ग्रामीणों और मवेशियों पर हमले से जुड़ी आठ से दस घटनाएं सामने आई हैं. बुधवार देर रात को तेंदुए के हमले से एक बच्ची की मौत हो गई थी. इसके बाद वन विभाग जागा और चोरल के जंगलों से लगे गांवों में मुनादी करवाई.
तेंदुए के हमले में बच्ची की मौत हो गई थी
वन्यकर्मियों ने ग्रामीणों को हिदायत दते हुए कहा है कि सावधानी से जंगल में जाएं. रात में घर के बाहर नहीं सोएं. वन अधिकारियों ने वनरक्षकों और बीट गार्ड को निरंतर जंगलों में निगरानी करने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि दुधी बावड़ी वनक्षेत्र में बुधवार को एक तेंदुए ने छह साल की बच्ची रवीना वासुनिया पर हमला कर दिया था. हमले में बच्ची की मौत हो गई थी. बच्ची की मौत होने के बाद वन विभाग सतर्क हुआ और शुक्रवार को आशापुरा, उमठ, सेंडल-मेंडल के जंगलों से लगे गांवों में मुनादी करवाई. वन्यकर्मियों ने वन समिति के सदस्यों और ग्रामीणों के साथ बैठक की और कहा कि शाम 6 बजे बाद जंगल में नहीं जाएं.
गांवों में वन समितियों की बैठक होगी
इसके साथ ही अधिकारियों ने लोगों से दिन में भी सावधानी रखकर जंगल से गुजरे की हिदायत दी है. तेंदुए की हलचल को देखते हुए ग्रामीणों को रात में अपने-अपने घरों के बाहर सोने और घूमने से भी रोका गया है. रेंजर रविकांत जैन ने कहा कि प्रत्येक वनक्षेत्र से लगे गांवों में वन समितियों की बैठक करेंगे.
25 से ज्यादा तेंदुए
इंदौर वनमंडल में आने वाले चोरल के जंगलों में तेंदुओं की संख्या सबसे ज्यादा है. चोरल रेंज में करीब 25 से ज्यादा तेंदुए हैं, जो इन दिनों घनी आबादी वाले इलाकों की तरफ आने लगे हैं. इसका कारण ये है कि जंगलों में बने जल स्रोत सूख चुके हैं. इस कारण जानवर पानी की तलाश में जंगल से बाहर इंसानी बस्तियों में आ रहे हैं. वहीं दुधी बावड़ी घटना से पहले 28 मई को आईआईटी परिसर में लगे पिंजरे में तेंदुआ कैद हुआ था. वन अधिकारियों के अनुसार फरवरी से मईके बीच मवेशियों पर तेंदुए के हमले के आठ से दस प्रकरण सामने आए हैं.
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