MP Lokayukta Transfer: मध्य प्रदेश के विशेष पुलिस स्थापना (लोकायुक्त) डीजी कैलाश मकवाना (Kailash Makwana) के ट्रांसफर के बाद उनकी बेटी श्रुति मकवाना (Shruti Makwana) ने एक ट्वीट किया है. श्रुति मकवाना यह ट्वीट तब किया है, जब शुक्रवार को मध्यम प्रदेश सरकार (MP Government) ने लोकायुक्त के डीजी कैलाश मकवाना का छह माह में ही तबादला कर दिया.
कैलाश मकवाना ने इस आदेश की कापी सोशल मीडिया पर चस्पा करते हुए लिखा,"आज एसपीई लोकयुक्त के पद पर छह माह हो गए और आज ही ट्रांसफर हो गया." इसके बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर कैलाश मकवाना का समर्थन वाले ट्वीट की बाढ़ सी आ गई. कई सेवारत और रिटायर्ड अधिकारियों ने उनकी तारीफ करते हुए उन्हें बेहद ईमानदार आईपीएस अफसर बताया है. वहीं उनकी बेटी श्रुति मकवाना ने ट्वीट किया, "उसूलों पे जहां आंच आये टकराना जरूरी है, जो जिन्दा हों तो फिर जिन्दा नजर आना जरूरी है. Proud of you, Papa!"
'भ्रष्ट सरकारी सेवक के लिए तुम्हारे नाम का आतंक था'
उनके आईपीएस बेटे ऋषभ मकवाना ने भी बहन की लाइन दोहराते हुए ट्वीट किया है, "Proud of you, Papa." इसके अलावा एक सीनियर अधिकारी ने अपने आंतरिक वाट्सऐप ग्रुप में लिखा, "लोकायुक्त में पोस्टिंग के 6 महीने के भीतर अद्भुत प्रगति हासिल करने के लिए कैलाश को बधाई. अधिकारी सालों तक लोकायुक्त में रहे, लेकिन लोगों की नजरों में अच्छा प्रभाव नहीं बना सके. तुमने पोस्टिंग के 6 महीने के भीतर चमत्कार कर दिखाया. भ्रष्ट सरकारी सेवक के लिए तुम्हारे नाम का आतंक था. लोकायुक्त में इतना बड़ा नाम पिछले 30 साल में किसी और ने नहीं बनाया." इस संदेश का स्क्रीनशॉट खुद कैलाश मकवाना ने अपने ट्वीट हैंडल पर शेयर किया है.
जानिए क्या है पूरी कहानी?
सबको पता है कि मध्य प्रदेश सरकार ने विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन के डीजी कैलाश मकवाना को 6 महीने में ही हटा दिया. भीतर की कहानी यह बताई जा रही है कि मकवाना और लोकायुक्त जस्टिस एन के गुप्ता के बीच में कई विषयों को लेकर मतभेद चल रहे थे. एक वजह यह भी है, जिसके चलते सरकार ने मकवाना का शुक्रवार को ट्रांसफर कर मप्र पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन का चेयरमैन नियुक्त कर दिया. बताया जाता है कि जस्टिस गुप्ता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पिछले दिनों में दो बार मिल चुके थे और उन्होंने मकवाना को हटवाने की सिफारिश की थी.
डीजी का पद संभालते ही भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई कर दी थी तेज
यहां बता दें कि कैलाश मकवाना ने लोकायुक्त में डीजी का पद संभालते ही भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी थी. इस दौरान ठंडे बस्ते में पड़ी लंबित जांचों की फाइल खोली गई और उनमें जांच शुरू हो गई. कई आला अफसर और सत्तारूढ़ पार्टी के बड़े नेता भी भ्रष्टाचार की जांच की जद में आ रहे थे. मकवाना के लोकायुक्त डीजी रहते सरकार भी असहज हो रही थी, जिसके कारण उन्हें चलता कर दिया गया.
कांग्रेस विधायक तरुण भनोट ने सीएम से पूछा सवाल
अब इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है. पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस विधायक तरुण भनोट ने तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सीधा सवाल करते हुए कहा है कि वे मध्य प्रदेश की जनता को बताएं कि जो अधिकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ रिकॉर्ड कार्रवाई कर रहा था, उसे 6 माह में हटाने की जरूरत क्यों पड़ गई? उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई का केवल दिखावा कर रही है और ईमानदार अधिकारियों को प्रताड़ित कर रही है.
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