मध्य प्रदेश में शाला त्यागी (SCHOOL DROPOUT) बालिकाओं को एक बार फिर अपनी शिक्षा नियमित करने का अवसर मिल रहा है. इसके लिए सरकार ने 'कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव' अभियान प्रारंभ करने जा रही है. यह अभियान 7 मार्च से शुरू होगा.
क्या है इस योजना का मुख्य उद्देश्य?
'कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव'अभियान का मुख्य उद्देश्य 11 से 14 साल की की शाला त्यागी बालिकाओं को पहचान कर उनको स्कूलों में एक बार फिर से प्रवेश सुनिश्चित कराना है.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में शुरू किए गए "बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ" अभियान का सम्पूर्ण लक्ष्य बालिका के जन्म का उत्सव मनाना और उनको शिक्षित कर सक्षम बनाना है.महिला-बाल विकास विभाग की ओर से स्कूली पढ़ाई बीच में ही छोड़ देने वाली किशोरियों को तीन सौ दिन तक प्रोटीन और कैलोरी युक्त राशन दिए जाने का भी प्रावधान है.
महिला और बाल विकास विभाग की ओर से हर साल अप्रैल में आँगनवाड़ी केंद्रों का सर्वे कराया जाता है.इसमें 11 से 14 साल की ऐसी किशोरियों की जानकारी एकत्र की जाती है,जिन्होंने किसी वजह से स्कूल छोड़ दिया है या प्राथमिक पाठशाला में एडमिशन नहीं लिया है.उन छात्राओं का भी पता लगाया जाता है जिन्होंने एक बार एडमिशन तो लिया है परंतु शाला नहीं जा रही हैं या कुछ समय जाकर शाला जाना बंद कर दिया है.ऐसी हितग्राही बालिकाओं को टेक होम राशन दिया जाता है.
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