Malwa News: तीन संतान होने पर गई महिला की नौकरी, अब खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा, एमपी में हैं इतने मामले
MP News: शिक्षिका ने अब इंदौर हाईकोर्ट में याचिका लगाई है, जिसमें उन्हें नौकरी पर वापस रखने की गुहार की गई है. शिक्षा विभाग में दो दर्जन से ज्यादा ऐसे शिक्षक हैं जिनकी तीन या उससे अधिक संतान है
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Malwa Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाली एक शिक्षिका को नौकरी से इसलिए बाहर कर दिया गया क्योंकि उसके तीन बच्चे थे. शिक्षिका ने अब इंदौर हाईकोर्ट में याचिका लगाई है, जिसमें उन्हें नौकरी पर वापस रखने की गुहार की गई है. वहीं अगर नियम को देखा जाए तो अभी भी शिक्षा विभाग में दो दर्जन से ज्यादा ऐसे शिक्षक हैं. जिनकी तीन या उससे अधिक संतान है. ऐसे में मजेदार बात यह है कि अब अन्य कर्मचारियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग में इन दिनों नई कवायद चल पड़ी है. दरअसल उन मां-बाप को विभाग खोज रहा है जो इस वक्त सरकारी नौकरी कर रहे हैं. जिनके 3 या 3 से अधिक संतान हैं. अब यह बात उठी क्यों है वह भी आपको बता देते हैं. दरअसल मध्य प्रदेश की शिक्षिका रहमत बानो मंसूरी इन दिनों चर्चा में है. रहमत बानो मंसूरी को तीन संतान होने पर बीते 7 जून 2023 को पद से हटा दिया गया. मध्य प्रदेश सिविल सेवा 1961 नियम छह के तहत इन्हें हटाने का कारण बताया गया.
मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस ने की थी शिकायत
नियम के तहत 26 जनवरी 2001 के बाद अगर किसी कर्मचारी को तीसरी संतान होती है तो उसकी सेवा समाप्ति का प्रावधान किया गया है. मामले में रहमत बानो मंसूरी हाईकोर्ट पहुंची अब वे उनके ब्लॉक के 34 शिक्षकों की सूची भी लगा रही हैं जिनके 3 या उससे अधिक बच्चे हैं. वह भी इस नियम के तहत आते हैं. यह मामला स्कूल शिक्षा विभाग का है लेकिन इस नियम के तहत कई दूसरे विभागों में भी कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है. ऐसा कहा जा रहा है. गौरतलब बात यह है कि रहमत बानो की शिकायत बीते 2020 में मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस ने की थी.
पहला बच्चा साल 2000 में हुआ
रहमत बानो मंसूरी सरकारी मिडिल स्कूल बीजा नगरी में मिडल स्कूल टीचर के पोस्ट पर नौकरी कर रही थी. रहमत बानो को तीसरी संस्था संतान साल 2009 में ही हो गई थी लेकिन मामले में शिकायत 2020 में हुई है. केमिस्ट्री सब्जेक्ट पढ़ाने वाली रहमत बानो का पहला बच्चा साल 2000 में हुआ जो बेटी के रूप में पैदा हुई. उसके बाद 2006 में रहमत बानो दोबारा मां बनी. इस बार उन्होनें एक बेटे को जन्म दिया. उसके बाद साल 2009 में फिर से एक बेटा घर में जन्मा. रहमत बानो ने बातचीत में बताया कि बड़ी बेटी मंदसौर से बीएएमएस कर रही है. बेटे का नीट की तैयारी के लिए कोटा में एडमिशन करवाया है. तीसरा बेटा अभी पढ़ रहा है.
तीसरा बच्चा जब गर्भ में आया तो नहीं चला पता
बेटी और बेटे के लिए करीब 5 लाख की फीस देनी है. ऐसे में एक दम नौकरी चले जाने से बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. रहमत बानो ने बातचीत में बताया कि उन्हें विभागीय नियम मालूम है. उनका कहना है कि तीसरा बच्चा जब गर्भ में आया तो उसकी जानकारी उन्हें काफी समय बाद पता चली जिससे चिकित्सकों ने गर्भपात के लिए मना कर दिया. रहमत बानो के पति शहीद अहमद मंसूरी भी शिक्षक हैं. जो एक मदरसे में पढ़ाते हैं.
ये लिखा आदेश में
सेवा समाप्ति के आदेश में रवीन्द्र कुमार सिंह, संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण संभाग- उज्जैन द्वारा बताया गया है कि, श्रीमती रेहमत बानो मंसूरी, माध्यमिक शिक्षक, शास. मा. वि. बीजानगरी, जिला आगर मालवा के द्वारा मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) प्राधिकार से दिनांक 10 मार्च 2000 को प्रकाशित मध्य प्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्ते) नियम 1961 के नियम 6 में संशोधित प्रावधानुसार कोई भी उम्मीदवार जिसकी दो से अधिक जीवित संतान हैं, जिनमें से एक का जन्म 26.01.2001 को या उसके पश्चात हो, किसी सेवा या पद पर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा.
अतः रेहमत दानो मंसूरी, माध्यमिक शिक्षक, शास. मा. वि. बीजानगरी, जिला आगर के द्वारा मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) प्राधिकार से दिनांक 10 मार्च 2000 का पालन नहीं किये जाने पर श्रीमती रेहमत वानो मंसूरी, माध्यमिक शिक्षा, शास. मा. वि. बीजानगर, जिला आगर मालवा की मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 10 (9) के तहत सेवा से पदच्युत करने की दीर्घ शास्ति से दंडित किया जाता है.
और भी लोगों को हटाया जा सकता है
गौर करने वाली बात यही की रहमत बानो प्रकरण अब सामने हैं जिसके आधार पर दूसरे डिपार्टमेंट भी इस तरह की शिकायतें लेकर के आ रहे हैं. बताया तो यह भी जा रहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग में ही करीब 1000 से ज्यादा के नाम सामने आ चुके हैं और यह वह केस है उन्हें मौजूदा नियम के तहत हटाया जा सकता है. अब क्योंकि मामला न्यायालय में पहुंचेगा तो वहां नियम और पुरानी सरकारों द्वारा की गई अब तक की कार्रवाई को महत्व दिया जा सकता है. ऐसे में तमाम कर्मचारी और अधिकारियों की सेवा समाप्ति की कार्रवाई अगर हुई तो कोई बड़ी बात नहीं होगी.
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