MP News: मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में एक महिला को उसके पति ने नोटिस भेजकर तलाक दे दिया है. पीड़िता ने स्थानीय पुलिस थाना पहुंचकर पति और उसके परिजनों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और तीन तलाक देने की शिकायत की है. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. दरअसल, तीन तलाक पर सख्त कानून बनने के बावजूद मुस्लिम समाज में तलाक देने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. सोशल मीडिया, फोन और चिट्ठी के जरिए तलाक के मामले तो कई सामने आए, लेकिन अब जबलपुर की रहने वाली एक महिला को उसके पति ने नोटिस भेजकर तीन तलाक दे दिया है.

 

आरोपी शेख आमिर ने अपनी पत्नी को नोटिस भिजवाया और उसमें तीन बार तलाक लिखकर उससे रिश्ता खत्म कर लिया. अब पीड़िता ने पुलिस की शरण लेते हुए थाने में दहेज प्रताड़ना और तीन तलाक देने की शिकायत दी है. पुलिस ने महिला की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है.

तीन नोटिस भेजे और दे दिया तलाक
सीएसपी जबलपुर अखिलेश गौड़ ने बताया कि मक्का नगर में रहने वाली 30 साल की महिला शहनाज बानो ने हनुमानताल थाना पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई है. उन्होंने कहा है कि उसका निकाह साल 2013 में मुस्लिम रीति रिवाज से शेख आमिर के साथ हुआ था. शादी के दौरान परिजनों ने अपनी हैसियत के मुताबिक दहेज दिया था.

 

शादी के 2 माह बाद से ही पति शेख आमिर सहित सास-ससुर और ननद 5 लाख रुपए दहेज की मांग करने लगे थे. महिला का आरोप है कि मांग पूरी न होने पर पति ने ससुराल वालो के साथ मिलकर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना देना शुरू कर दी. इसके बाद वह अपने मायके चली गई. लेकिन, फिर भी जब दहेज की मांग पूरी नहीं हुई तो 6 दिसंबर  2016 को पति शेख आमिर ने तलाक का स्टाम्प पेपर में तलाकनामा का पहला नोटिस भेजा. उसके बाद 16 जनवरी 2023 को दूसरा नोटिस और फिर इसी तरह 17 मार्च 2023 को तीसरा तलाकनामा भेजकर तलाक दे दिया.

5 लाख रुपये दहेज मांगने का आरोप
शिकायत में कहा गया है कि पीड़िता के परिजनों ने पति शेख आमिर समेत ससुराल वालों को समझाने की कोशिशें की लेकिन वे बिना 5 लाख रुपए लिए कोई भी बात को सुनने राजी नहीं हुए. इसके बाद पीड़िता ने अपने पति शेख आमिर समेत सास, ससुर और ननद के ख़िलाफ़ हनुमानताल थाने में शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.

जानें शरिया कानून में क्या है तलाक के नियम
यहां बताते चले कि इस्लाम धर्म को मानने वालों के बीच तलाक के तीन तरीके प्रचलित हैं. इसमें तलाक-ए-बिद्दत यानी तीन तलाक, तलाक-ए-हसन और तलाक-ए-अहसन शामिल हैं. शरिया कानून के मुताबिक मुस्लिम मर्द इन तीनों तरीकों से अपनी पत्नी को तलाक दे सकता है. तलाक-ए-बिद्दत को अपराध घोषित करते हुए इसके खिलाफ सख्त कानून लागू किए जा चुके हैं. तीन तलाक में पति तीन बार तलाक, तलाक और तलाक बोलकर पत्नी से रिश्ता खत्म कर सकता है.

 

इस तरह के तलाक में गुस्से में भी तीन बार तलाक बोलने पर रिश्ता टूट जाएगा. इसी तरह तलाक-ए-हसन भी इस्लामिक कानून के अंतर्गत तलाक की एक प्रक्रिया है. इन दिनों सुप्रीम कोर्ट में भी तलाक-ए-हसन के कई मामलों में सुनवाई हो रही है. तलाक ए हसन को भी बैन करने की मांग उठ रही है.