MP News: मध्य प्रदेश के मंडला जिले में पानीपुरी (फुल्की) खाने से 100 से ज्यादा लोग बीमार हो गए. इसके बाद प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए जिले में खेलों पर पानी पुरी की बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया है. जिले के चिरईडोंगरी क्षेत्र के आधा दर्जन गांव में फुलकी जिसे पानीपूड़ी भी कहते हैं, खाने से शनिवार की शाम को कई लोग बीमार पड़ गए और उन्हें रविवार को जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था.


फूड प्वाइजनिंग का शिकार बने लोगों की संख्या 100 से ऊपर हो गई थी, इनमें बच्चे और गर्भवती महिलाएं भी शामिल थीं. प्रशासन ने चाट और फुलकी की बिक्री के खिलाफ सख्त फैसला लिया है.


बच्चे की हालत गंभीर
दरअसल, मंडला जिला मुख्यालय और नारायणगंज विकासखंड के चिरईडोंगरी क्षेत्र के मंगलगंज, कोंड्रा, सहजनी, लालपुर, भावल सहित अन्य गांवों में गोलगप्पे खाने से बड़ी संख्या में लोग फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए है. जिसमें गर्भवती महिलाओं सहित बड़ी संख्या में बच्चे शामिल हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पानीपूरी खाने से एक बच्चे की हालत गंभीर बनी हुई है. जिसे जबलपुर के मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है. 


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त्योहार में खाद्य सामग्री पर नहीं दिया जाता ध्यान
अपर कलेक्टर मीना मसराम द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि त्योहारों के अवसर पर हाट बाजारों में चाट फुल्की के ठेलों में खाद्य सामग्री पर साफ सफाई का ध्यान नहीं दिया जाता, जिससे इसका सेवन करने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है. बीते रोज मंडला एवं चिरईडोंगरी में पानीपूड़ी खाने से 80 व्यक्तियों को उल्टी शिकायत हुई थी, जिनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है. इस परिस्थिति और लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जिले में चाट फुलकी की लगने वाली दुकान और हाथ थैलों को आगामी आदेश तक प्रतिबंधित किया जाता है. यह प्रतिबंध विक्रय की गई सामग्रियों की गुणवत्ता की जांच कार्यवाही पूर्ण होने तक जारी रहेगा.