मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) की किल्लत के बीच पंप व्यापारियों को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस नुकसान की वजह से मध्य प्रदेश के कई पेट्रोल पंप (Petrol Pump) आने वाले समय में बंद भी हो सकते हैं. पेट्रोल पंप व्यापारी सरकार से लगातार मदद की गुहार लगा रहे हैं. उनका कहना है कि अगर यही हाल रहा तो अगले कुछ समय में बहुत से पेट्रोल पंप बंद हो सकते हैं.
क्या कहना है पेट्रोल पंप व्यापारियों का
उज्जैन के एक पेट्रोल पंप के संचालक विक्रम सिंह पटेल ने बताया कि उनके पंप पर पेट्रोल और डीजल दोनों ही खत्म हो चुका है. ऑयल कंपनी के पास उनका एडवांस रुपया जमा है, मगर माल की किल्लत की वजह से पेट्रोल और डीजल की सप्लाई नहीं हो पा रही है. उन्होंने बताया कि अगले दो-तीन महीने तक ऐसे ही हालात बने रहने की आशंका है. उन्होंने बताया कि पिछले साल दीपावली के समय सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की थी. इसके बाद एक बार फिर मई में पेट्रोल-डीजल के दाम कम कर दिए गए. इस वजह से ही तेल कंपनियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा.
उन्होंने बताया कि पेट्रोल पंप संचालकों को भी आर्थिक तंगी के दौर से गुजरना पड़ रहा है. पेट्रोल पंप संचालक ने बताया कि अचानक बड़ी राशि की कटौती हो जाने की वजह से पंप पर बड़ा नुकसान हुआ है. अब बंद पड़े पंप का खर्च भी उन्हें वहन करना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति रही तो एमपी के कई पंप बंद होने की कगार पर पहुंच जाएंगे.
पहले ही जता दी थी यह आशंका
ऑल इंडिया पेट्रोल पंप एसोसिएशन के सचिव गोपाल माहेश्वरी ने बताया कि पूर्व में ही यह आशंका जता दी गई थी कि यदि आयल कंपनियों का घाटा पूरा नहीं हुआ तो वह आने वाले कुछ महीनों में कठिनाई के दौर से गुजरेंगी. यह समय अब आ चुका है. एक्साइज ड्यूटी अचानक कम होने की वजह से आम लोगों को जरूर फायदा हुआ मगर ऑयल कंपनियों को एक ही झटके में करोड़ों रुपये का नुकसान हो गया. उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की किल्लत की एक वजह यह भी हो सकती है.
माहेश्वरी ने बताया कि क्रूड आयल (कच्चे तेल) की कीमतें भी लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिसकी वजह से भी ऑयल कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में साढ़े चार हजार से ज्यादा पंप हैं, जो इन दिनों परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं.
पेट्रोल पंप चलाने पर कितना आता है खर्च
पेट्रोल पंप संचालक विक्रम सिंह पटेल ने बताया कि एक पंप खोलने में एक करोड़ से डेढ़ करोड़ रुपये तक की लागत आती है. उन्होंने कहा कि पंप बंद रहने पर भी कर्मचारियों को वेतन देना पड़ता है. प्रतिदिन होने वाले खर्च में कोई कटौती नहीं होती है. एक पंप पर हर महीने कम से कम 1 लाख रुपये का खर्च आता है. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश के कई पंप बैंक कर्ज पर चल रहे हैं. इसके अलावा अधिकांश व्यापारियों की बैंक में लिमिट है. पेट्रोल पंप बंद रहने पर भी बैंक का ब्याज चालू रहता है.
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