MP Market Tax: मध्य प्रदेश सरकार ने गांव से टैक्स वसूली का एक नया फरमान जारी किया है. इसके तहत अब गांव के बाजारों से भी व्यवसायिक टैक्स वसूलने की तैयारी हो रही है. सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश राज्य और ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 में ग्राम सभाओं और पंचायतों को अनिवार्य और वैकल्पिक टैक्स लगाने का अधिकार दिया गया था. इसके तहत बाजार टैक्स भी शामिल है. लेकिन अभी तक इसे प्रायोगिक रूप से सम्मिलित नहीं किया गया था. मगर अब सरकार इस पर अमल करने जा रही है. इसी के चलते मध्य प्रदेश के गांव के अंदर या गांव के दायरे में बिकने वाले हर उत्पाद पर अतिरिक्त बाजार टैक्स लगाया जाएगा. 


सरकार ने सभी कलेक्टरों निर्देश जारी किया
बता दें कि गांवों और कस्बों में चाहे हाट-बाजार हों, दुकान हो या अन्य व्यवसायिक गतिविधियां जिनके माध्यम से गांव में व्यापार होता है, उन पर अब व्यवसायिक टैक्स लगेगा. इसी के चलते सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को 31 जुलाई तक इसके अंतर्गत आने वाले सभी उपक्रमों को शामिल करने की निर्देश दिया है. 


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पंचायतें जानकारी सरकार के साथ साझा करेंगी
सरकार ने जिला कलेक्टरों को आदेश दिया है कि 31 जुलाई तक इस तरह की गतिविधियों में ग्रामीण क्षेत्रों में शामिल होने वाले उपक्रमों को सूचीबद्ध किया जाए. मिली जानकारी के अनुसार इस श्रेणी के अंतर्गत वे सभी व्यक्ति टैक्स के दायरे में आएंगे जो ग्राम पंचायत की सीमा के अंतर्गत उत्पाद बेचते हैं. साथ ही साथ इस बाजार फीस का निर्धारण ग्राम पंचायत स्तर पर किया जाएगा. पंचायतों को अपने टैक्स संबंधी सभी जानकारी को ऑनलाइन सरकार के साथ साझा करना होगा.


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